दोस्त विकास की मां को जमकर चोदा लगातार बार बार
यह कहानी आज से 1 साल पहले की है यह कहानी मेरी ओर मेरे दोस्त विकास की मा कल्याणी आंटी की है
कल्याणी आंटी का फिगर 36-32-36 है. उनको देखते ही चोदने का मन करता है. कई बार मैने उनके नाम की मूठ भी मरता था ओर उनको चोदने का ख्वाब देखा रहता था. उनके पति एक सेना में ऑफीसर थे ओर मेरा दोस्त एक प्राइवेट कंपनी जॉब करता है.
मैने जब भी उनके घर पर जाता हू तो मेरा ध्यान आंटी पर ही रहता है यह बात तब आंटी को भी पता चल गयी थी शायद वो भी मुझसे यही चाहती थी ओर वो भी मुझसे चुदवाने चाहती थी क्यूकी उनके पति महीने मैं 1 बार ही घर आते थे.
एक दिन विकास नई मुझे कॉल करके बोला की आज शाम को घर पर आऊं पार्टी करेंगे मैने सोचा चलो इशी बहाने आंटी को देख लूँगा. शाम को 7 बजे मैं रेडी हो के उनके घर पर चला गया.
थोड़ी देर बाद आंटी आई ओर आंटी मुझे चाय देने नीचे झुकी तो मेरी नज़र उनके बूब्स पर पड़ी ओर मेरी आँखे चौड़ी हो गयी उनके बूब्स को देखते ही मेरे लण्ड मैं खलबली मचने लगी मैं वाहा से नज़र नही हटा पाया तो आंटी ने मुझे कहा ओये राज क्या देख रहा है ले यह तेरी चाय रेडी है
तो मैने चाय ली ओर पीने लगा ओर मान मैं गबराहटगबबराहट भी होने लगी कही आंटी किसी की बता ना दे. फॉर आंटी भी उनकी चाय लेकर मेरा पास आकर पीने लगी थोड़ी देर पीने के बाद आंटी ने बोला कोई गर्लफ्रेंड है ? तो मैने कहा क्या??
आंटी: तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है??
मैं: नही तो ? क्यू?
आंटी : तुम जैसे मेरे बूब्स को देख रहे हो लगता है पहली बार देख रहे हो?
मैं : ज्जई..जीई.. ऐसा कुच्छ नही है वो तो बस ऐसे ही नज़र पड़ गयी थी.
आंटी : तो वहा से नज़र हट नही पाती थी?
मैं: पता नही मुझे क्या हो गया था..
आंटी : सेक्स किया है कभी?
मैं: जी एक बार किया है.. यह सब सुनके मुज़मे थोड़ी हिम्मत आने लगी ओर मैं भी समझ गया की आंटी को भी मज़ा आता है यह सब करने मैं.
आंटी : क्या तुम मुझे चोदना चाहोगे?
यह सुनते ही मैने आंटी को पकड़ा ओर उनके होंठो पर किस करने लगा. आंटी भी मुझसे साथ देने लगी. धीरे धीरे किस करने के बाद मैने आंटी के बूब्स को पकड़ा ओर दबाने लगा. आंटी सिसकिया लेने लगी फिर मैने आंटी को अपने गोद मैं उठाया ओर बेडरूम मैं जाकर पटक दिया, आंटी के गाउन को निकाला अब आंटी सिर्फ़ ब्रा ओर पनटी मैं थी तो आंटी के पूरे बदन को चूमने लगा. धीरे धीरे आंटी की ब्रा खोली तो उनके दो क़ैद पांच्ची आज़ाद हो गये.
मैने आंटी के बूब्स को पकड़ा ओर दबाने लगा. एक बूब्स को दबा रहा था ओर एक को चूस रहा था. आंटी की सिसकिया बढ़ गयी थी ओर आंटी ने भी मेरे लण्ड को पेंट क उपर से सहलाना स्टार्ट कर दिया था. आंटी के चुचे को को मसल रहा था आंटी के बूब्स को जब मैं बीते लेता तो आंटी उच्छल ती ओर चिल्लाने लगती थी.
थोड़ी देर बाद मैने आंटी की पनटी निकली ओर आंटी की चूत पर अपनी उंगली रखकर रगड़ने लगा. आंटी मचलने लगी.आंटी अब नही रह पा रही थी आंटी ने मेरे पेंट को निकाला ओर मेरा अंडरवेर निकल कर मेरे लण्ड से खेलने लगी.
मैने आंटी को 69 मैं आन एके लिए बोला तो आंटी मेरा उपर आई ओर मेरे लण्ड को अपने मूह मैं लेकर चूसने लगी, मैने भी आंटी की चूत को चाटने लगा उनकी चूत का टेस्ट मैं स्वर्ग मैं ले जाता था.
मैं उनकी चूत को अपनी जीभ से छोड़ने लगा आंटी भी अपनी गांद उच्छल कर मेरे मूह पर फेरने लगी उनके चूटर भी इतने बड़े थे की उनकी गांद भी देखने मैं मज़ा आता था.
आंटी ने भी मेरे लण्ड को ज़ोर ज़ोर से चूसना स्टार्ट किया ओर मैने भी अपनी स्पीड बढ़ा दी फिर थोड़ी देर बाद हम दोनो ने साथ मैं पानी छ्चोड़ दिया. आंटी की चूत के पानी का टेस्ट बहुत ही टेस्टी था. उसने भी मेरा सारा पानी पी गयी ओर मेरे लण्ड से खेलने लगी.
थोड़ी देर बाद मेरा लण्ड फिर से टाइट हुआ तो आंटी के उपर चाड गया ओर आंटी की चूत के उपर रगड़ने लगा आंटी तड़प रही थी पर मुझे उनको ताड़पता देख बहुत मज़ा आ रहा था, आंटी बोली और मत तड़पव ओर मैने अपने लण्ड को चूत के होल पर रखा ओर जैसे धक्का दिया मेरा आधा लण्ड उनकी चूत मैं चला गया.
आंटी चीखने लगी ओर मुझसे बोली तोड़ा धीरे करो बहुत दर्द हो रहा है काफ़ी दीनो से प्यासी हू, मैं समझ गया की अंकल आंटी को ठीक से नही करता ओर मैने धीरे धीरे धक्का देना सुरू किया ओर आंटी भी शांत हो गयी तो मैने फिर से धक्का दिया तो मेरा 7’’ का पूरा लण्ड अंदर चला गया ओर आंटी ने ज़ोर से चीखा ओर मैं तोड़ा रुका ओर आंटी को स्लो स्लो छोड़ने लगा, उनके बूब्स को भी मसलता ताकि उनका ध्यान हटे ओर उनको दर्द तोड़ा कम हो जाए, आंटी के बूब्स को कभी कभी बीते भी करता था.
फिर थोड़ी देर बाद आंटी को मज़ा आने लगा तो वो उच्छल ने लगी तो मैं समझ गया की अब आंटी का दर्द कम हो गया है तो मैने भी अपने धक्के की स्पीड बढ़ा अब तो आंटी को ओर भी मज़ा आने लगा था, आंटी ज़ोर ज़ोर से सिसकिया ले रही थी आंटी की आवाज़ पूरे रूम मैं गूँज रही थी, थोड़ी देर बाद आंटी मेरे उपर आई ओर मेरे लण्ड को अपनी चूत मैं लेकर उच्छल उच्छल कर चुदवाने लगी आंटी अब रूकने वाली नही थी, हम दोनो को और भी मज़ा आ रहा था.
आंटी अपने फीलिंग को कंट्रोल नही कर पा रही थी तो कभी कभी मुझे किस भी किया करती थी ओर मेरे दोनो हाथो को पकड़ कर उनके बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबा रही थी. उनके बूब्स इतने सॉफ्ट थे की खाने का मान करता था.
तो मैं बीच बीच मैं बीते भी करता था, फिर आंटी उच्छल उच्छल कर तक गयी ओर मेरे उपर लेट गयी तो मैं आंटी को नीचे उतरा ओर उनको डॉगी होने के लिए बोला तो आंटी डॉगी बन गयी मैने उनकी चूत मैं उंगली डाली ओर थोड़ी देर खेलने लगा ओर फिर मेरे लण्ड को उनकी चूत मैं डालकर धक्के मरने लगा.
उनके दोनो हाथो को पकड़कर मैं उनको पिच्चे खिचता था ओर वो ज़ोर ज़ोर से आआअहह.. आआअहह.. करके अजीब सी आवाज़े निकलती थी, हम दोनो का मज़ा दुगना हो गया था.
करीब 10 मिनिट्स के बाद मैने आंटी को सीधा किया ओर उनकी गांद के नीचे एक तकिया रखा ओर उनकी चूत के उपर लण्ड रखकर धक्के मारना सुरू किया थोड़ी देर ऐसे करने के बाद मैने उनके पैर को अपने कंधे पर रखके धक्के मारना स्टार्ट किया, फिर मेरा निकालने वाला था तो मैने अपनी स्पीड बढ़ा दी ओर ज़ोर ज़ोर से धक्के मरने लगा.
फिर हम दोनो एक साथ पानी छोड़ा ओर मैं आंटी के उपर ही लेता रहा फिर आंटी ने मुझे नीचे उतरा ओर मेरे लण्ड को चूसा ओर मेरे लण्ड को सॉफ कर दिया, उस रात मैं उनके घर पर ही रुका ओर मैने उनको करीब 3 बार चोदा .
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