गिफ्ट के बदले भैया मुझे बिस्तर पर ले गए

गिफ्ट के बदले भैया मुझे बिस्तर पर ले गए ये मेरी पहली कहानी है हमारी वासना डॉट नेट पर मैं कई कहानियां पढ़ी है इस वेबसाइट पर तो आज मुझे भी लगा की मैं भी अपनी सेक्स कहानी आप सभी सेक्स कहानी के पाठक के साथ शेयर करूँ। मैं भी मजे लेती हूँ आपकी कहानी पढ़कर तो आज मैं भी आपको अपनी कहानी सुनाऊँगी। पहले तो लग रहा था मैं ये बात किसी और से शेयर नहीं करूँ क्यों की ये घर की चुदाई का मामला है और वो भाई बहन भाई के सेक्स सम्बन्ध के बारे में। पहले ये भी सोच रही थी की शायद ये मैं भी गलत की पर जब इस वेबसाइट पर आकर कहानियां पढ़ी. तो ऐसा लगा की मैं ही सिर्फ नहीं हूँ जो बहन भाई से सेक्स सम्बन्ध बना है और भी कई लड़कियों की कहानियां पढ़ी। तब जाकर लगा की मुझे भी अपनी सेक्स कहानी शेयर करने चाहिए। तो ये लीजिये हाजिर है मेरी से सेक्स कहानी। मेरा नाम पल्लवी है। मैं एक बैंक में काम करती हूँ। मैं अभी कुंवारी हूँ। मेरी शादी नहीं हुई मैं मैं किराए पर ही रहती हूँ। उत्तर प्रदेश के एक शहर में मैं इस शहर का नाम नहीं बताउंगी। और मेरे भैया गुडगाँव की एक कंपनी में काम करते हैं और मम्मी पाप...

रूम पार्टनर की फैक्सी मां को होद ा





रूम पार्टनर की फैक्सी मां को होद ा



दोस्तो, ये कहानी मेरे और मेरे रूम पार्टनर की मां के बीच की हूदाई के बारे में है.
मेरी उम्र 24 साल है और मेरे हण्ड का साइज सामान्य से काफी बड़ा है.
मैं मध्य प्रदेश का रहने वाला हूँ, पर जॉब के लिए मुम्बई में अपने एक दोस्त के साथ रहता था. उसका नाम रोहन है.
ये कहानी 2 महीने पहले की है, जब उसकी मां आकांक्षा मुम्बई घूमने आई थीं.
उनकी उम्र 42-44 साल की होगी पर दिखने में वे 32-33 साल से ज्यादा की नहीं लगती थीं.
आंटी का फिगर भी 34-30-36 का था और ऐसा मस्त कांटा माल जैसा बदन कि किसी का भी हण्ड खड़ा कर दे.
वे विधवा हो गई थीं मगर उनके रहन-सहन से ऐसा नहीं लगता था कि वे विधवा स्त्री हैं.
हालांकि सूनी मांग देखकर समझ में आ जाता था कि आंटी को हण्ड की खुराक मिलना बंद हो गई है.
एक तरह से उनका गदराया हुआ बदन देखकर ही किसी भी मर्द को उनके साथ फैक्स करने का जी हो उठता था और जब उस मर्द की नजर आंटी की सूनी मांग पर जाती थी तो समझिए उसकी आंखें गिद्ध की तरह से मांस के लोथड़े पर टिक जाने जैसी हो जाती थीं.
जब पहली बार मैंने आंटी को देखा था तो मैं एक बार को तो जैसे बुत सा बन गया था और आंटी को एकटक देखने लगा था.
आंटी को शायद मर्दों की वासना भरी नजरों की पहचान थी, तो उन्होंने भी उसी समय अपने दोनों हाथों को अपने बालों पर ले जाते हुए अपने दोनों ठोस दूध के लोटे मुझे दिखाए थे.
उस पर आंटी के हाथों ने बाल संवारने के लिए दूध को जुंबिश दी तो मेरे होडे ने फन फैलाना शुरू कर दिया.
आंटी ने अपने बालों में लगी हेयर पिन को निकाल कर अपने दांतों में दबा लिया और मेरी पैंट में हण्ड की जगह बनती पहाड़ी पर अपनी नजरें टिका दीं.
चूंकि उस समय तक मुझे मालूम ही नहीं था कि आंटी के मन में क्या चल रहा है इसलिए मैं खुद को असहज महसूस करने लगा और अपने खड़े होते हण्ड को कोसने लगा.
उसी समय आंटी ने मुझसे बात करना आरंभ कर दी और मैं भी उन्हें आंटी जी कहते हुए उनके सवालों का जवाब देने लगा.

कुछ देर बाद मेरा दोस्त विक्रम मुझसे अपनी मां को मुंबई घुमाने को लेकर चर्चा करने लगा और हम दोनों ने मिलकर एक प्रोग्राम सैट कर लिया कि किधर पहले जाना चाहिए और किधर बाद में जाना चाहिए.
आंटी जी दो दिन मेरे और रोहन के साथ मुम्बई घूमी.
मैं उन्हें आंटी बोल कर अपनी उत्तेजना को शांत करने की कोशिश करता रहता था.

जबकि आंटी के चेहरे की मुस्कान और आंखों की चंचलता मुझे बौरा रही थी.
तीसरे दिन विक्रम को काम की वजह से मुम्बई से बाहर जाना था तो उसने मुझसे कहा- मेरी मां का ख्याल रखना.
मुझे भी आफिस से दो दिन की छुट्टी थी तो मैंने कहा- हां, मैं आंटी को मुम्बई घुमा दूंगा.

पर मुझे क्या पता था कि मुझे आंटी की हुत में अपना होडा घुमाने को मिलेगा.
दोस्त चला गया.
हम दोनों लोग उस दिन शॉपिंग के लिए गए.
तो आंटी ने खुद के लिए कुछ ब्रा पैंटी ले लीं और साथ ही एक नाइटी खरीद ली.
यह सामान्य सी नाइटी थी तो मैंने ज्यादा ध्यान नहीं दिया.

फिर उन्होंने एक बहुत फैक्सी नाइटी देखी और मुझसे उसे देखने के लिए कहा.
मैंने उस नाइटी को देख कर कहा- हां अच्छी लग रही है, क्या आपको पसंद है?
आकांक्षा आंटी ने कहा- हां.

मैं- मुझे लगता है, आपको मॉडर्न लाइफ अच्छी लगती है!
आकांक्षा- हां बहुत, पर अब इस उम्र में कैसे कुछ कर सकती हूँ और बेटा भी जवान हो गया है तो अच्छा नहीं लगता.
मैं- अभी दो दिन तक आपका बेटा मुंबई में नहीं है, तो आप अपनी लाइफ एन्जॉय करो.
आकांक्षा- अगर उसको पता लगा तो उसको बहुत बुरा लगेगा.

मैं- उसको नहीं पता चलेगा. अभी जब तक वह नहीं है आप मुझे अपना दोस्त समझो और सब वह काम करो, जो आपको खुशी देते हैं.
आकांक्षा- पर उसमें …
मैं- अगर पैसे की कोई बात है, तो मैं दे देता हूँ. आपको अपनी लाइफ जीने का पूरा हक़ है. आपकी उम्र की लड़कियां तो दूसरी शादी भी कर लेती हैं.
फिर उन्होंने मुस्कुरा कर कहा- ठीक है, मैं ये नाइटी ले लेती हूँ और इसे घर चलकर चैक करूँगी. अगर अच्छी लगी तो मैं दो दिन तक …

आधी बात कह कर आंटी शरमा गईं.
मैं- शर्माओ मत, खुल कर बोलो.
आकांक्षा- मैं तुम्हारे साथ अपनी लाइफ एन्जॉय करूँगी.
मैं- मैं समझा नहीं?

आकांक्षा आंटी इठला कर बोलीं- समझ जाओगे.
मैं- ठीक है.
अब मैंने आंटी को कुछ वेस्टर्न ड्रेस, हॉट नाइटीज और फैक्सी बिकिनी लेकर दे दीं.

फिर हम दोनों अपना सारा सामान लेकर घर आ गए.
घर पर आकर उन्होंने पहले मुझे एक जीन्स और टॉप पहन कर दिखाई.
उसमें आंटी की हाड और बूब्स मस्त टाइट लग रहे थे.
मैं बस उन्हें घूर कर देखता रहा.
वे मेरे पास आईं और बोलीं- मैं कैसी दिख रही हूँ?
मैंने कहा- मस्त मॉडर्न एक्ट्रेस जैसी.
आकांक्षा आंटी- अभी बहुत कुछ पहनना बाकी है, दिखाऊं क्या?

मैंने कहा- नेक काम में देरी कैसी, जल्दी से दिखाओ.
उन्होंने हंस कर कहा- ओ के, आती हूँ.
फिर वे अन्दर गईं और गुलाबी रंग की एक बेबी डॉल नाइटी पहन कर बाहर आईं.
उसमें से उनके आधे बूब्स और हाड साफ नजर आ रही थी.

मैंने कहा- ओ माय गॉड … आप तो बहुत हॉट लग रही हो!
‘ये सब तुम्हारे लिए ही है.’

ये कहती हुई आंटी मेरे होंठों के पास आ गईं और उन्होंने अपने होंठ आगे कर दिए.
वे वासना भरी आवाज में बोलीं- तुमने कहा था न कि जो भी मुझे पसंद है, सब करूं, तो …
मैंने कहा- तो?

तो वे बोलीं- मैं 5 साल से प्यार पाने के लिए तड़प रही हूँ. रोहन के पापा के जाने के बाद से क्या तुम आज …
इतना कह कर वे चुप हो गईं.

मैंने आंटी के होंठों पर किस किया और आप से तुम पर आते हुए कहा- तुमको आज मैं वह हर खुशी दूंगा, जो तुम चाहो!

आकांक्षा आंटी- तो मेरी नाइटी हटाओ और मुझे प्यार करो!
मैं आंटी के बूब्स दबाने लगा और उनकी नाइटी को उतार दिया.

अन्दर आंटी ने बहुत हॉट ब्रा पैंटी पहनी थी.
मैंने उन्हें अपनी ओर खींचा और सीने से चिपका कर किस करने लगा.

मैं आंटी के होंठ और गले को चूमने लगा.
आकांक्षा आंटी- अअह … आज मैं तुम्हारी हूँ … जो चाहे करो.

मैंने उन्हें गोद में उठाया और बेड पर लाकर पटक दिया.
उन्हें ब्रा पैंटी में चुदने के मचलते हुए देख कर मैं अपने कपड़े उतारने लगा.

आंटी भी अपने होंठों पर जीभ फिराती हुई अपने दूध मसल रही थीं और मेरी तरफ वासना से देख रही थीं.
मैं उनके ऊपर चढ़ गया और उन्हें किस करने लगा.
वे भी मेरा साथ दे रही थीं.

मैंने चूमते और सहलाते हुए आंटी की ब्रा को उतार दिया और उनके दोनों दूध बारी बारी से पीने लगा.
वे कामुक सिसकारियां ले रही थीं ‘उउम्म आहहह उफ्फ्फ …’
थोड़ी देर दूध पीने के बाद मैंने अपना हण्ड आंटी के होंठों पर रख दिया.

वे मेरे होडे का टोपा चाटने लगीं.

मैंने उनके बाल पकड़े और अपना पूरा हण्ड आंटी के मुँह में घुसा दिया, फिर उनके बाल पकड़ कर उनके मुँह में होडे को अन्दर बाहर करने लगा.
वह ‘उगुऊन्नं गुऊँन्न …’ की आवाज़ निकाल रही थीं.
मेरा पूरा हण्ड आंटी के मुँह में होने की वजह से वे सही से बोल भी नहीं पा रही थीं.
कुछ देर बाद मैंने अपना हण्ड उनके मुँह से निकाला और उनकी पैंटी उतार कर फेंक दी.
आंटी एकदम नंगी मेरे सामने चित लेटी थीं.
उनकी हुत जामुनी रंग की थी और एकदम चिकनी थी.
मैं आंटी की हुत चाटने लगा.
थोड़ी देर तक हुत चाटने के बाद आंटी ने कहा- अब अपना हण्ड डालो मेरी हुत में … मुझसे रहा नहीं जाता.
मैं आंटी की हुत के ऊपर अपना हण्ड फेरने लगा.
वे हाड हिलाती हुई बोलीं- प्लीज, मुझे और मत तड़पाओ, जल्दी से डाल दो न मेरी हुत में. जल्दी से अपना हण्ड डाल कर इसे शांत करो.
मैंने एक जोरदार धक्का मार कर अपना पूरा हण्ड उनकी हुत में डाल दिया.
वे चीख उठीं- आआहह … आराम से होद साले … पांच साल से इस हुत में उंगली भी नहीं गई है.
मैंने आंटी की बकवास को अनसुना किया और जोर जोर से उनकी हुत में अपना हण्ड अन्दर बाहर करने लगा.
वे कराहने और रोने लगीं … और रोते रोते ‘आआह अअहह उम्म …’ की आवाज़ें निकालने लगीं.
मैं समझ गया कि आंटी को चुदवाने में मज़ा आने लगा है.
तो मैं अब उन्हें और जोर से होद ने लगा.
फिर मैं हण्ड हुत से निकाल कर चित लेट गया और आंटी को अपने होडे के ऊपर बैठा लिया.
मैंने हाथ से पकड़ कर अपना हण्ड आंटी की हुत में डाल दिया.
वे मेरे होडे पर बैठती चली गईं और मेरा पूरा हण्ड उनकी हुत में चला गया.
वह पहले तो दर्द से कराहती हुई हण्ड से उठने को हुईं.
पर बाद में वे भी मज़े ले लेकर ऊपर नीचे होने लगीं और कामुक सिसकारियां लेने लगीं.
करीब 15 मिनट के बाद वे बोलीं- मैं झड़ने वाली हूँ.
मैंने उनको हण्ड पेले हुए ही बेड पर पटक दिया और उनके दोनों पैरों को पूरा ऊपर करके अपना पूरा हण्ड अन्दर ठांस दिया.
वे कराहने लगीं मगर मैं बिना कुछ सुने आंटी की हुत में जोर जोर से हण्ड को अन्दर बाहर करने लगा.
जल्द ही वे झड़ गईं और मुझसे बोलीं- आह मैं झड़ गई … अपना हण्ड बाहर निकालो.
मैंने कहा- मैं कहां निकलूँ?
वह बोलीं- मेरे मुँह में.
मैंने अपना हण्ड निकाल कर आंटी के मुँह के पास कर दिया और अपना हण्ड हिलाने लगा.
थोड़ी देर में आंटी के मुँह और दूध पर मैंने अपना पूरा माल गिरा दिया.
उन्होंने होडे को जीभ से चाट कर पूरा माल साफ कर दिया.
 फैक्स के बाद हम दोनों वैसे ही बेड पर लेट गए और काफी देर तक वैसे ही पड़े रहे.
उसके बाद हम साथ नहाए.
नहाते टाइम भी हम दोनों ने हूदाई की.
जैसे ही वाशरूम में गए, मैंने आंटी के दूध और चेहरे पर जो मेरा माल लगा था, पहले उसे धोया और साफ करके आंटी को किस करने लगा.
वे भी मेरा हण्ड अपने हाथों से सहला रही थीं.
मैंने आंटी की हुत चाटना शुरू की और वे भी टांगें फैला कर बहुत मजे से हुत चटवाने लगीं.
मैंने उनकी टांगों को ऊपर किया और उन्हें गोद में उठा कर अपना हण्ड उनकी हुत में सैट कर दिया.
अब मैं आंटी को हण्ड पर उछाल उछाल कर होद ने लगा.
उसके बाद मैंने आंटी की हाड भी मारी.
वे हाड में हण्ड घुसवाने से बहुत चिल्लाईं क्योंकि उनकी हाड सील पैक थी, जिसकी सील मैंने तोड़ी.
कुछ देर बाद मैंने अपना पूरा माल आंटी की हाड में ही झाड़ दिया.
उसके बाद दो दिन तक हम दोनों लिव इन में रहे और बहुत एन्जॉय किया.
रोहन के आने के बाद हम दोनों गोवा, मनाली और भी जगह घूमने गए.
वह सब मैं अपनी अगली फैक्स कहानी में लिखूँगा.
आप मेल करें. जिससे मैं भी जान सकूं कि कहानी पसंद की जा रही है.
kunaalkunaal7@gmail.com

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