गिफ्ट के बदले भैया मुझे बिस्तर पर ले गए

गिफ्ट के बदले भैया मुझे बिस्तर पर ले गए ये मेरी पहली कहानी है हमारी वासना डॉट नेट पर मैं कई कहानियां पढ़ी है इस वेबसाइट पर तो आज मुझे भी लगा की मैं भी अपनी सेक्स कहानी आप सभी सेक्स कहानी के पाठक के साथ शेयर करूँ। मैं भी मजे लेती हूँ आपकी कहानी पढ़कर तो आज मैं भी आपको अपनी कहानी सुनाऊँगी। पहले तो लग रहा था मैं ये बात किसी और से शेयर नहीं करूँ क्यों की ये घर की चुदाई का मामला है और वो भाई बहन भाई के सेक्स सम्बन्ध के बारे में। पहले ये भी सोच रही थी की शायद ये मैं भी गलत की पर जब इस वेबसाइट पर आकर कहानियां पढ़ी. तो ऐसा लगा की मैं ही सिर्फ नहीं हूँ जो बहन भाई से सेक्स सम्बन्ध बना है और भी कई लड़कियों की कहानियां पढ़ी। तब जाकर लगा की मुझे भी अपनी सेक्स कहानी शेयर करने चाहिए। तो ये लीजिये हाजिर है मेरी से सेक्स कहानी। मेरा नाम पल्लवी है। मैं एक बैंक में काम करती हूँ। मैं अभी कुंवारी हूँ। मेरी शादी नहीं हुई मैं मैं किराए पर ही रहती हूँ। उत्तर प्रदेश के एक शहर में मैं इस शहर का नाम नहीं बताउंगी। और मेरे भैया गुडगाँव की एक कंपनी में काम करते हैं और मम्मी पाप...

भरी ठंड में मोसी को होदा



भरी ठंड में मोसी को होदा 

 मेरा नाम राहुल यादव है. मैं बिहार के छपरा का रहने वाला हूं। मेरी उम्र 22 की है और मैं दिल्ली में रहकर पढ़ाई कर रहा हूँ। 
यह कहानी आज से पहले 2 साल पहले की है। मैं कॉलेज में दाखिला लेने के लिए इंतजार कर रहा था. परीक्षाएं कुछ दिन पहले ही समाप्त हुई थीं. परीक्षा के बाद मैं घर में ही खाली बैठा रहता था। एक दिन घर पर मेरी छोटी मोसी आयी.
मेरी मोसी बहुत दिनों के बाद हमारे घर आई थी. साथ में उनके बच्चे भी थे. मोसी को एक लड़का और एक लड़की थी. वो दोनों बच्चे अभी छोटे ही थे. मोसी की उम्र भी ज्यादा नहीं थी. वो 30 साल के करीब की रही होंगी.
घर पर मम्मी से मिल कर वो मुझसे भी गले मिलीं। मेरे लिये यह सब सामान्य था क्योंकि मोसी हमेशा से ही मुझे प्यार किया करती थी. लेकिन इस बार मोसी की नजर में एक शरारत सी दिखाई दे रही थी जो मुझे कुछ अजीब सी लग रही थी.
फिर मोसी ने मेरे कंधे पर हाथ रख कर कहा- सोनू, तुम तो काफी बड़े हो गये हो. (मेरे घऱ में मुझे सोनू कह कर ही बुलाया जाता था)
मैंने महसूस किया कि मोसी मेरे कंधे को इस तरह से सहला रही थी जैसे वो मेरे शरीर की मजबूती को जांच रही हो.
मैंने मोसी की बात का जवाब देते हुए कहा- मोसी, अब छोटा ही रहूंगा क्या?
मेरी बात पर मोसी मुस्कराने लगी.
फिर वो फ्रेश होकर मेरी मां के साथ बातों में लग गयी. मुझे उस दिन मेरे दोस्त की बहन की शादी में जाना था. तैयार होकर मैंने मां से कहा कि मैं शादी में जा रहा हूं. मां ने मुझे टाइम से घर वापस आने के लिए कह दिया. मैं घर से निकल गया.
शादी में जाकर देखा तो मेरे बाकी दोस्त भी आए हुए थे. महफिल पूरी सजी हुई थी. उन लोगों ने दारू पीने का प्रोग्राम बनाया हुआ था. मेरे मना करने के बाद भी उनके जोर देने पर मुझे पीनी पड़ी. फिर मस्ती में रात के 3 बज गये.
सर्दियों के दिन थे और ठंड बहुत पड़ रही थी. तभी मां का फोन आया और वो मुझे घर आने के लिए कहने लगी. मां ने कहा कि उनकी तबियत ठीक नहीं है. उन्होंने बताया कि पिता जी भी घर पर नहीं हैं और वो दोनों मेरा ही इंतजार कर रहे थे.
मां ने मुझे जल्दी घर पहुंचने के लिए कह दिया. मोसी भी अभी तक सोई नहीं थी और वो लोग मेरा ही इंतजार कर रहे थे. मैं अपने दोस्तों के साथ बाइक लेकर निकल पड़ा. 35 किलोमीटर का सफर था. रास्ते में घना कोहरा छाया हुआ था.
बाइक पर बैठे हुए मेरे दांत कंपकंपा रहे थे. जब मैं घर पहुंचा तो पूरा कांप रहा था. मैंने घर के बाहर पहुंच कर मोसी को फोन किया. मोसी ने आकर दरवाजा खोला और मैं जल्दी से अंदर घुस गया. अंदर जाकर मैं सीधा अपने रूम में चला गया.
मैंने जूते निकाले और कम्बल उठा कर उसमें दुबक गया. मुझे बहुत ठंड लग रही थी. मोसी को शायद मेरी हालत का अंदाजा हो गया था. वो कुछ मिनट के बाद मेरे कमरे में आई तो मैं कांप रहा था.
वो कहने लगी- सोनू, तू तो सर्दी से कांप रहा है. रुक मैं तेरे लिये चाय बना कर लाती हूं.
इतना बोल कर मोसी रसोई में चली गई मेरे लिए चाय बनाने के लिए. तब तक मैं कम्बल की गर्मी लेकर थोड़ा गर्म हो चुका था. अभी तक मुझे दारू का नशा चढ़ा हुआ था. मैं अपने फोन में टाइम पास करने लगा.
मोसी चाय लेकर आई और मेरे ही साथ कम्बल में घुस कर वो भी पीने चाय पीने लगी।
मोसी बोली- क्या बात है सोनू? तुम शराब भी पीने लगे!
उन्होंने मेरे मुंह से आ रही महक से समझ लिया था कि मैंने दारू पी रखी है।
मैं- नहीं मोसी, मुझे नशे की आदत नहीं है, वो तो मैं आज शादी में गया हुआ था तो दोस्तों के साथ थोड़ी पी ली थी. कभी-कभार पार्टी में ही पीता हूं. मगर आप मां से इस बारे में कुछ मत कहना.


 हंसते हुए मोसी बोली- अरे नहीं पगले, मैं कुछ नहीं कहूंगी. इस उम्र में तो यह सब नॉर्मल सी बात है. मैं सब समझती हूं.
अब तक मेरी चाय खत्म हो गयी थी. मोसी बिस्तर से उठ कर मेरे हाथ से चाय का कप लेने लगी तो मुझे मोसी की नाइटी में से उसके दूध दिखाई दे गये.
मोसी की दूध का साइज 36 के करीब था. मैं उनकी दूध को घूरने लगा. इससे पहले कि मेरी नजर हटती मोसी की नजर मुझ पर पड़ गई और वो समझ गई कि मैं उनकी दूध को घूर रहा हूं.
मेरे बालों को सहलाते हुए मोसी बोली- क्या बात है सोनू, तुम तो ज्यादा ही बड़े हो गये हो. तुमने कोई गर्लफ्रेंड बनाई है या नहीं?
मैंने कहा- नहीं मोसी जी।
शराब का नशा मुझ पर चढ़ा हुआ था और मैं कुछ समझ नहीं पा रहा था. बस बहक रहा था.
फिर मोसी ने कप को नीचे रखते हुए कहा कि बहुत ठंड हो रही है. इतना बोल कर वो भी कम्बल में मेरे पास लेट गयी और टीवी चालू कर दिया।
मेरे पैर उनके पैरों से सटे थे और मुझ पर फैक्स का सुरूर चढ़ने लगा था। मैंने उनसे पूछा- मौसा कैसे हैं?
मोसी बोली- उनकी बात तो करो ही मत, वो तो हमेशा ही बाहर रहते हैं. मगर तुम मुझे ये बताओ कि तुमने अभी तक गर्लफ्रेंड क्यों नहीं बनाई है?
मोसी की सांसें तेज होने लगी थीं. उन्होंने अपना पैर मेरी कमर पर चढ़ा दिया. मैंने भी उनके बदन को पकड़ कर अपने आप को उनके जिस्म के और ज्यादा करीब कर लिया.
मैंने लड़खड़ाती जुबान से कहा- मोसी, अभी तक कोई मिली ही नहीं है.
मेरा हण्ड अब तनाव में आने लगा था.
वो बोली- इतने हट्टे कट्टे हो गये हो. अभी तक हाथ से ही काम चला रहे हो क्या?
मोसी ने ऐसा कहते हुए आंखें बंद कर ली थीं. मैं समझ गया था कि मोसी भी फैक्स आग में जल रही है.
अब मुझसे भी रुका न गया और मैंने मोसी के होंठों पर अपने होंठों को रख दिया. मैं मोसी के होंठों को चूसने लगा और मेरे हाथ मोसी की हांड पर चले गये. मैं मोसी की हांड को दबाने लगा और उनके होंठों को चूसने लगा.
अब मोसी भी गर्म होते हुए मेरे होंठों को चूस कर मेरा साथ देने लगी. उनके हाथ मेरी पीठ में आकर कस गये थे. वो जोर से मेरे होंठों को पीने लगी थी जैसे मेरे होंठों को खा ही जायेगी. मेरे हाथ अब मोसी की दूध को दबाने लगे.
कुछ देर तक हम ऐसे ही लिपटम-लिपटा होते रहे. फिर मैंने एक हाथ को नीचे ले जाकर मोसी की पैंटी के ऊपर से उनकी हुत को सहलाना शुरू कर दिया. उसके बाद मैंने उनकी नाइटी को उठा कर उनकी कमर तक कर दिया.
फिर पता नहीं अचानक उनको क्या हुआ, वो उठ कर गेस्ट रूम की तरफ चली गईं. मेरा हण्ड पूरा तना हुआ था. अब हर कीमत पर मेरे हण्ड को हुत चाहिए थी. दारू का नशा और हवस का जोश दोनों ही मुझे पागल कर रहे थे. मैं तड़पता हुआ उठा और मोसी के पीछे ही चल दिया.
गेस्ट रूम में जाकर देखा तो रूम में अंधेरा था.
Mosi Ko Choda
मैंने बेड के साथ वाला टेबल लैम्प जलाया तो देखा कि मोसी कम्बल के अन्दर दूसरी तरफ मुंह करके लेटी हुई थी. मैं तुरंत कम्बल में घुस गया और मैंने मोसी को बांहों में भरा तो झटका सा लगा. मोसी ने अपनी नाइटी उतार दी थी. वो केवल ब्रा और पैंटी में लेटी हुई थी.
मेरा 8 इंच का हण्ड अब फूल कर 9 इंच का हो गया था. मैंने अपनी जांघों में फंसी हुई जीन्स को जल्दी से निकाल दिया और मोसी से चिपक गया. मेरे अंडरवियर में मेरा हण्ड तना हुआ था और वो मोसी की हांड से सट गया था.
मैंने मोसी से चिपक कर कहा- मोसी, आप ही मेरी गर्लफ्रेंड बन जाओ न प्लीज?
यह कहते हुए मैं मोसी की ब्रा के ऊपर से ही उनके मम्मों को दबाने लगा था. फिर मैंने मोसी की ब्रा को पीछे से खोल दिया. ब्रा को अलग कर दिया और मोसी की दूध आजाद हो गईं.
दूध को मैंने अपने हाथों में भरा तो पता चला कि वो एकदम से टाइट हो चुकी थीं. मेरे हाथों में पूरी तरह से समा भी नहीं रही थी उनकी चूचियां. मैं उनकी दूध को जोर से दबाने लगा और वो आहिस्ता से सिसकारने लगी.
उसके बाद मोसी ने अपना हाथ पीछे किया और मेरे अंडरवियर में हाथ डाल कर मेरे हण्ड को बाहर निकाल लिया. मोसी मेरे हण्ड को हाथ में लेकर सहलाने लगी. उसको दबाने लगी. अब मेरा हाल और भी ज्यादा बुरा हो चला था.
मोसी को मैंने सीधी तरफ लेटा दिया और उनकी दूध पर टूट पड़ा. मैं उनकी दूध को अपने मुंह में लेकर चूसने लगा. जोर से उनकी मोटी-मोटी दूध को पीने लगा. मेरा हण्ड एकदम से फटने को हो रहा था. इधर मोसी भी अब जोर से सिसकारियां भर रही थी और मेरे मुंह को अपनी दूध में दबा रहा थी.
उनके मुंह से कुछ ऐसी आवाजें आ रही थीं- आह्ह सोनू, और जोर से … आह्ह बेटा, चूसो इनको, बहुत मजा आ रहा है. इस्स आह्ह … सोनू, उफ्फ पी लो मेरी दूध को.
मैं मोसी के सीत्कारों से और ज्यादा कामोत्तेजित हो गया था और उनके निप्पलों को काटने लगा था.
अब उन्होंने मेरे हण्ड को नीचे हाथ ले जाकर पकड़ लिया और उसको जोर से दबाने लगी. फिर मुझे एक तरफ धकेल कर मेरे ऊपर आ गयी. अब मैं नीचे था और मोसी मेरे ऊपर थी. मोसी की चूचियां मेरी आंखों के सामने लटक रही थी. वो बहुत ज्यादा गर्म हो चुकी थी. ऐसे रूप में मैंने उनको पहली बार देखा था.
उसके बाल खुले हुए थे और उसको देख कर ऐसा लग रहा था कि वो हण्ड की बहुत प्यासी है. मोसी की हांड मेरे हण्ड पर टिकी हुई थी. मैं पागल हुआ जा रहा था. जिसको मैं अपनी मां की तरह मानता था, आज वही औरत मेरे हण्ड के तले रंडी बन कर चुदने के लिए तैयारी थी.

मोसी ने एकदम से अपनी हांड को पीछे किया और मेरे हण्ड पर झुक कर मेरे हण्ड अपने मुंह में लेकर चूसने लगी. मेरे आनंद का ठिकाना न रहा. मेरी आंखें बंद हो गईं. मोसी के गर्म मुंह में हण्ड का सुपाड़ा देकर इतना मजा आ रहा था कि क्या बताऊं.
वो मेरे पूरे हण्ड को अपने मुंह में अंदर तक भर रही थी. उसकी जीभ मेरे हण्ड के टोपे को सहलाते हुए चूस रही थी. अब मेरे मुंह से जोर जोर से आवाजें निकलने लगी थीं. उम्म्ह… अहह… हय… याह… उफ्फ … आईस्सस … आह्हह … मोसी चूसो, बहुत मजा आ रहा है.

मेरे हाथ मोसी के दूध को जोर से दबा रहे थे. मेरे हण्ड मोसी के गले तक जाकर लग रहा था. ऐसा लग रहा था कि मैं हुत को ही होद रहा हूं. पांच मिनट तक मोसी मेरे हण्ड को चूसती रही. फिर मैंने नियंत्रण खो दिया और मोसी के मुंह में ही झड़ गया. वो मेरा सारा माल पी गयी.
अभी भी मोसी मेरे हण्ड को सहला रही थी. स्खलित होने के बाद अब मेरे हण्ड में गुदगुदी होने लगी थी. अब मैंने मोसी को अपनी टांगों के ऊपर से उठने के लिए कहा. मैंने मोसी को नीचे लिटाया और उनकी पैंटी को उतार कर उनकी हुत को नंगी कर दिया. अब मैं मोसी की हुत में उंगली करने लगा.
मैंने पाया कि मोसी हुत पानी छोड़ कर गीली हो चुकी थी. मैंने फिर मोसी की हुत पर अपने होंठों को रख दिया और हुत को जीभ देकर चूसने लगा. मोसी उछल सी गई. वो अपनी हांड को उठा कर मेरे मुंह की तरफ धकेलने लगी.
मोसी पागल सी हो गई. कई मिनट तक मैंने मोसी की हुत को चाटा. अब मेरा हण्ड दोबारा से तन गया था. मोसी ने मेरे हण्ड को फिर से सहलाया और कहने लगी कि ये तो फिर से तैयार हो गया है. लगता है कि इसने कईयों की हुत का बैंड बजाया हुआ है. अब मेरी हुत की प्यास भी शांत कर दे सोनू बेटा.
उनके कहे बिना ही मैं मोसी की हुत होदने के लिए मरा जा रहा था. मैंने उनकी टांगों को फैलाया और अपने हण्ड को उनकी हुत पर सेट कर दिया. मैंने एक धक्का दिया और मोसी की चिकनी और गीली हुत में हण्ड हल्का सा अंदर चला गया. मोसी के मुंह से दर्द भरी आह्ह सी निकली.
मगर मैंने तभी दूसरा झटका दिया और मेरा आधा हण्ड मोसी की चिकनी हुत में उतर गया.
वो कराहते हुए बोली- आराम से कर बेटा, मैं रात भर तेरी ही हूं. इतनी जल्दबाजी मत कर, दर्द हो रहा है.
मैंने झुक कर मोसी के होंठों को चूसना शुरू किया और फिर तीसरे झटके में पूरा हण्ड मोसी की हुत में उतार दिया. वो मुझसे लिपटने लगी. दो मिनट के बाद ही मोसी ने अपनी हांड को उठाते हुए मेरे हण्ड की तरफ धकेलना शुरू कर दिया और मेरी कमर को सहलाने लगी.
अब मोसी को आराम हो गया था. मैंने भी अब मोसी की हुत को होदना शुरू कर दिया.
वो अब सिसकारते हुए कहने लगी- आह्ह बेटा, होद दे मुझे, आज मुझे अपनी रंडी बना ले. बहुत मस्त होदता है रे तू तो।
कुछ देर तक मैंने मोसी को इसी पोज में होदा . फिर मैंने उनको ऊपर आने का इशारा किया. वो उठ कर मेरे ऊपर आ गई. अब वो खुद ही मेरे हण्ड पर उछल-उछल कर मेरे हण्ड को अपनी हुत में लेने लगी. उनके दूध मेरे सामने ऊपर नीचे झूल रहे थे.
मैंने मोसी की उछलती हुई दूध को दबाना शुरू कर दिया. वो तेजी से मेरे हण्ड अपनी हुत में लेती हुई कूदती रही और बड़बड़ाती रही. गालियां देती रही. मोसी की बातों से मुझे और जोश चढ़ रहा था और मैं पूरी ताकत के साथ उसकी हुत में हण्ड को धकेल रहा था.
मेरे मुंह से भी गाली निकलने लगी- साली रंडी, बहुत गर्मी चढ़ी है तेरी हुत में. आज तेरी हुत की सारी गर्मी निकाल दूंगा. साली कुतिया, तूने मेरे बाप से हुत चुदवा रखी है. मुझे सब पता है. आज उसका बेटा भी तेरी हुत को फाड़ देगा.
इस तरह से मजे लेते हुए मैंने मोसी को होदा , काफी देर तक हम हुदाई में खोये रहे और फिर मैंने एकदम से मोसी की हुत में अपना वीर्य छोड़ दिया. मेरा वीर्य मोसी की हुत में भर गया. हम दोनों थक कर एक साथ वहीं पर नंगे ही लेट गये और सो गये.
सुबह के करीब पांच बजे फिर से हुदाई का एक और राउंड हुआ. उसके बाद मैं अपने कपड़े पहन कर अपने कमरे में आ गया और सो गया. सुबह मां ने डांटते हुए उठाया तो 11 बज चुके थे. मैं फ्रेश होकर वापस आया तो मां ने कहा कि तेरी मोसी अपने घर वापस जा रही है. एक बार उनसे मिल ले.
मैं गेस्ट रूम में मोसी के पास गया. वो बच्चों को तैयार कर रही थी.
मैंने कहा- आप जा रही हो?
मोसी ने मेरी तरफ देखा और बच्चों को बाहर भेज दिया.
मेरे पास आकर उन्होंने मुझे दीवार से सटा कर मुझे किस करना शुरू कर दिया. मैंने मोसी की हांड को पकड़ लिया और उसके होंठों को चूसने लगा.
मैंने होंठों को छुड़ाते हुए कहा- विनिता डार्लिंग, तुम्हारी हांड की हुदाई तो रह ही गई.
वो बोली- कमीने, अब मैं तेरी ही हूं. जब भी तेरा मन करे मेरे घर पर आ जाना. तेरे मौसा तो बाहर ही रहते हैं. मैं अपनी हांड को तेरे लिए संभाल कर रखूंगी.
उसके बाद हम दोनों ने एक जोरदार किस किया और एक दूसरे को आई लव यू कहा.
फिर वो मां से मिल कर अपने घर वापस चली गई. मैं भी अपने रूम में जाकर मोसी के ख्यालों में बिस्तर पर लेट कर जैसे बिखर सा गया.
दोस्तो, यह थी मोसी के साथ मेरी पहली हुदाई की कहानी. मेरी यह कहानी आपको पसंद आई हो तो मुझे बताना. मैं आपके लिए आगे भी ऐसी ही गर्म कहानी लेकर आऊंगा.
अगली कहानी में आपको बताऊंगा कि मैंने और कैसे कैसे मोसी को होदा … मोसी और मेरे बीच में और क्या-क्या हुआ. आप नीचे दी गई मेल आईडी मैसेज करके अपनी राय जरूर दें और कमेंट करना भी न भूलें.
kunaalkunaal7@gmail.com

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