भरी दोपहरी में आंटी से फैक्स

भरी दोपहरी में आंटी से फैक्स    यह बात पिछले साल की है, मेरे पड़ोस में एक आंटी रहती थीं, उनका नाम उर्वशी था, सचमुच की उर्वशी थी। खूब भारी बाल, रंग सांवला, गालों पर लाली, गोल सुगढ़ पैर और पतली कमर! मैं उन पर मरता था और हर वक्त उनसे बातें करने की फिराक में रहता था। वे भी खुल कर बातें करती थी लेकिन इससे ज्यादा कुछ नहीं हुआ। उनकी एक लड़की तीन साल की थी और बेटा अभी नौ महीने का हुआ था। मैं रोज कुछ न कुछ नई तरकीब करता उन्हें पटाने की लेकिन तभी उन्होंने मकान बदल लिया। दरअसल उनके पति का आफिस यहां से काफी दूर था। यह उनका अपना मकान था, पर उन्होंने दूसरा मकान किराए पर लेकर वहीं रहने का फैसला किया और मेरे अरमानों पर पानी फिर गया। इस बात को चार-पांच दिन हो गए थे। पड़ोस में मेरी ज्यादा लोगों से नहीं बनती थी, लड़कियों से तो खास कर कम ही बात करता था इसलिए आंटी के जाने से कुढ़ता रहता और उनके नाम पर दिन में कई कई बार मुठ मारकर खुद को शांत करता। एक दिन तो पड़ोस की एक और आंटी ने मुझे लगभग रंगे हाथ पकड़ ही लिया था। हुआ यूं कि दोपहर के समय घर में कोई नहीं था, मैं पिछले कमरे की

फ़ौजी आंटी का पाँच बार पानी निकाला



फ़ौजी आंटी का पाँच बार पानी निकाला




दोस्तो.. मेरा नाम अशोक है, मैं चंडीगढ़ में रहता हूँ।
हमारे घर की पहली मंज़िल को एक फ़ौजी अफ़सर ने किराए पर लिया हुआ है। फ़ौजी ऑफिसर तो बाहर पोस्टेड था.. मगर उसकी बीवी और 8 साल का बेटा अपनी स्टडी के कारण यहाँ शिफ्ट हो गए थे

फ़ौजी की बीवी देखने में तो कुछ खास नहीं थी.. मगर हाँ.. जब वो चलती थी.. तो उसके बड़े मम्मे मुझे उत्तेजित कर देते थे।
एक-दो महीने उसने मेरी ‘हैलो हाय’ के अलावा मुझे कोई रिस्पॉन्स नहीं दिया।
मैं घर के पीछे जाकर उसकी ब्रा और हैन्टी को सूखता देखकर मुठ मार लेता था।

एक दिन उसने तकरीबन सुबह 9:30 बजे मुझे आवाज़ मारी और कहा- मेरे कंप्यूटर में वाइरस आ गया है.. क्या तुम उसे ठीक कर सकते हो?
मेरे पास वाइरस रिमूव करने का सॉफ्टवेयर था.. क्यूंकि मैं सॉफ्टवेयर कंपनी में काम करता हूँ।
मैं ऊपर गया और उसके इंटरनेट ब्राउज़र की हिस्टरी डिलीट करने लगा.. मैंने देखा कि वो तो कई बार फैक्स ी साइट्स पर नियमित रूप से जाती है।
मैं समझ गया कि यह छोटा सा वाइरस सिर्फ़ उन्हीं साइट्स से आया होगा जो कि अक्सर होता है।

मैंने बड़े हौसले से सोनाली को बुलाया और कहा- आपकी एक सीक्रेट मुझे पता चल गया है..
उसने हैरानी जताई और हँस कर कहा- ऐसी कौन सी बात पता चल गई है?
तो मैंने कहा- यह जो वाइरस तुम बता रही हो.. यह उन्हीं साइट्स से आया है जिन पर तुम रोज़ जाती हो..

वो हैरान हो गई और उसने मुझसे पूछा- कौन सी साइट की बात कर रहे हो तुम?
मैंने उसे उसी वक़्त एक फैक्स ी साइट खोल कर दिखाई.. साइट देखकर उसकी आँखें मचलने लगी.. और तभी मेरी दादी ने ज़ोर से मुझे आवाज़ लगा दी.. मेरा खड़ा हुआ हण्ड एकदम नर्म हो गया। मुझे खीज सी उठी कि दादी को भी अभी ही आवाज़ लगानी थी।

मैंने सोनाली से कहा- मैं अभी आता हूँ.. तुम साइट्स देखने के लिए तैयार रहना!
वो मुस्कुराई और मैं दादी से मिलने चला गया। हमारी दादी हमारे पास ही रहती हैं और मेरा बहुत ख्याल रखती हैं। दादी किसी काम के लिए मुझे बुला रही थीं।

मुझे ऑफिस जाना था.. मगर मैंने सोचा कि ऑफिस की माँ की छूत..
फिर दादी से कहा- मैं ऑफिस के लिए लेट हो रहा हूँ.. और मैं ब्रेकफास्ट नहीं करूँगा.. आप कमरे में आराम करो और मैं शाम को मिलता हूँ।
मैं दादी से आँख बचा कर चुपके से ऊपर पहली मंज़िल पर चला गया.. वहाँ सोनाली अपने कंप्यूटर पर पहले से ही फैक्स ी वेबसाइट देख रही थी। उसकी नाइटी उसके टाँगों से ऊपर थी.. लगता था.. वो तो तैयार हो चुकी है।
मैंने पीछे से जाकर उसके दूध को पकड़ लिया.. वो एकदम हैरान हो गई।

उसकी नाइटी पिंक कलर की थी। मैं उसकी गर्दन को चाटने लग पड़ा.. उसने ज़ोर से ‘आआअहह..’ किया। मैंने इशारे से हुदाई के लिए पूछा तो उससे कुछ बोला तो नहीं गया.. पर सर हिला कर उसने ‘हाँ’ कह दिया।
शायद वो साईट देखते हुए एक बार झड़ चुकी थी।
इसी बीच मेरे होंठ उसकी हांड की तरफ गए और दोनों मटकों को मैं चाटने लगा। उसकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं था.. लगता था जैसे उसके पति ने कभी वहाँ हाथ भी नहीं लगाया था।
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मैंने उसके दोनों फलक खोले और अपना मुँह उनमें डाल दिया.. वो तो ज़ोर-ज़ोर से ‘आहें..’ भरने लगी।
मैं चाटता गया और वो ज़ोर से अपनी हांड को मेरे मुँह में पुश करने लगी।
तभी उसका शरीर ज़ोर से हिला और वो दूसरी बार झड़ गई।
उसने कहा- अरे तुमने तो जादू कर दिया.. मेरी छूत दो बार पानी-पानी हो गई और अभी सारा काम बाकी है..
मैं मुस्कुराया और उसकी टाँगों को चाटने लगा.. उसका पानी छूत से टपकते हुए उसके घुटनों तक आ गया था। मैंने उसे भी चाट लिया.. और फिर उसके दूध की मालिश करनी शुरू कर दी।

वो दूध की मालिश से मस्त होने लगी तभी मैंने अपनी दो उंगलियाँ उसकी हांड में दे डालीं।
मेरा हण्ड पूरा खड़ा हो चुका था और उसके पेट को टच कर रहा था.. मैंने अपने हण्ड को उसकी नाभि के ऊपर रख कर हिलाना चालू कर दिया।
वो मदहोश हो रही थी.. और जल्दी मेरा हण्ड छूत में में लेना चाहती थी।
मैंने आज तक जिन भी आंटियों.. और लड़कियों को चोदा है.. मेरा यही मकसद रहा है कि औरत को पूरी रिस्पेक्ट दी जाए और उसके हर एहसास को पहचाना जाए.. शायद यही सीक्रेट है मेरे फैक्स ी जीवन का।

मैंने उसके दूध को अपने हाथों में लिया और चाटने लग पड़ा। मेरा घुटना उसकी छूत को सहला रहा था और वो और भी ज्यादा पानी छोड़ रही थी।
मैंने नोटिस किया कि मैंने उसकी हैन्टी तो उतारी ही नहीं है.. और छूत रिसने का सारा जादू वैसे ही चालू है।


मैं नीचे बैठ गया और अपने दातों से उसकी हैन्टी को नीचे की ओर खिसकाने लगा.. उसे मेरा यह ट्रिक काफ़ी अच्छा लगा।
जब हैन्टी नीचे उतर गई.. तो वो मुझे उठा कर किस करने लगी।
वाह क्या टेस्ट था उसका.. मुआअहह..
अब मेरा मुँह उसके पेट को गोलाई में चाटने लगा.. फिर मैं नाभि को चाटने लगा।
इतने में वो तीसरी बार झड़ गई.. और अपने हाथों से मेरा मुँह अपनी रानों पर रखवा लिया.. मैं उसकी रानों को चाटने लगा।
वो “आअहह..” करने लगी..

उसकी छूत पर बाल बहुत ही सुंदर थे.. मैंने उन पर हाथ फेरा.. तो वो मदमस्त हो गई।
मैंने पहले उसकी छूत के बाहरी हिस्से को चाटना शुरू किया.. फिर आहिस्ता-आहिस्ता अन्दर की ओर आया।

जी हाँ बिल्कुल वैसे.. जैसे तुम अभी अपनी छूत पर यह पढ़ते-पढ़ते हाथ फेर रही हो..
फिर मैंने उसकी छूत को चाटना शुरू किया और उसने मेरे सर को अपनी टाँगों में जकड़ लिया.. मैंने उसकी छूत के अन्दर अपनी जीभ डाल दी.. और अपनी दो उंगलियाँ उसकी हांड में पेल दीं।
वो कराहने लगी- आह्ह.. मेरी छूत मार.. ज़ोर से.. आआहह.. फाड़ डाल इसे..
तभी वो फिर से अकड़ी और उसने चौथी बार अपना पानी मेरे मुँह में निकाल दिया..
वो पूरी तरह से निढाल हो चुकी थी.. मेरा हण्ड अब कंट्रोल से बाहर था.. उसने पकड़ा और अपनी छूत में घुसा दिया.. जैसे कि मक्खन में गरम छुरी।
‘फिकर मत करो.. मेरे अन्दर कॉपर टी लगी है.. बिंदास मार लो.. आआहह.. उफफ्फ़.. उम्म्मम.. आईईई..’ उसकी हुदासी आवाजें आने लगीं।

मेरा हण्ड उसकी छूत को चीर रहा था।
‘आआहह.. यसस्स्स्सस्स.. मारो और ज़ोर से..’
उसका शरीर एकदम जकड़ गया और उसकी छूत के मसल्स ने मेरे हण्ड को जकड़ लिया।
वो एक फव्वारे की तरह बह गई और मैंने भी अपने हण्ड का पानी उसकी छूत को समर्पित कर दिया।

वो पाँचवी बार झड़ चुकी थी.. उसकी ख़ुशी का कोई ठिकाना नहीं था।
हमने जोरदार किस किया और बिस्तर पर लेट गए।
थोड़ी देर बाद मैं ऑफिस के लिए निकल गया।

आज तक हम दोनों मस्त फैक्स करते हैं और मज़ा करते हैं।दोस्तो, यह थी फौजी की बीवी के साथ मेरी मस्ती की कहानी।  







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