आंटी की हुत थूक लगा कर होद ी
हैल्लो दोस्तों,मैं गोपाल आपके लिए एक बार फिर नई फैक्स स्टोरी लेकर आया हूँ| मेरी पिछले स्टोरी को इतना प्यार अधिक प्यार दिया| मैं एक बात बता दूँ कि ब्रा मेरी कमज़ोरी है वो बिग ब्रा||
जब मैं ब्रा को देखता हूँ तो उठ मारे बिना नहीं रहा सकता, आई लव टू ओल्ड आंटीज और उनकी टाइट ब्रा||इस फैक्स स्टोरी में हुआ यूं कि मैं अपनी मौसी के घर से पूरे एक साल बाद अपने घर आया था|
मुझे अब मौसी की छूत का रस पीने की लत लग गई थी और उनकी हर सुबह छूत हाटने की आदत मुझे इतनी अधिक लग गई थी कि बिना छूत हाटे मुझसे रहा ही जा रहा था|
यहां ये सब उपलब्ध नहीं था क्योंकि मैं तो अपने घर आ गया, पर मौसी की छूत बहुत मिस कर रहा था|उस दिन मैं बोर हो रहा तो मैं अपनी छत पर आ गया| मैंने देखा कि हमारे घर के पास एक नई फैमिली रहने आई है|
उस फैमिली में आंटी जी बड़ी ही काँटा माल थीं| उनकी फैक्सी भरी भरी बॉडी और बड़े बड़े मम्मे किसी का भी हण्ड खड़ा कर देने में सक्षम थे| आंटी की उम्र 45 साल की थी, लेकिन वो लगती 40 साल की थीं|
वो छत पर टहल रही थीं, उनकी चूचियों की साइज़ 36 इंच था| उनकी ब्लू कलर की ब्रा एकदम टाईट पहनी थी, जो उनके सफ़ेद कुर्ते में से साफ दिख रही थी|
मेरा हण्ड तो आंटी की एकदम कड़क हो गया| क्या करूँ किसी भी कांटे की ब्रा मेरी कमज़ोरी है| बहुत दिन का बाद इतनी फैक्सी ओल्ड आंटी को देखा था
वो भी एकदम मस्त टाइट ब्रा में, देख कर मेरा बुरा हाल हो गया|| हण्ड से पानी चूने लगा|मैं हाथ से अपना हण्ड मसलने लगा और आंटी को देखता जा रहा था|
इससे हुआ ये कि मैं और गरमा गया और ज़ोर ज़ोर से पैन्ट के ऊपर से ही बिंदास अपने हण्ड की उठ मार रहा था| तभी हण्ड का पानी अन्दर ही निकल गया|
जब मेरा पानी निकला तो मैंने देखा कि आंटी ने मुझे देख कर स्माइल दी| मैं उनकी कटीली मुस्कान देख कर थोड़ा सा डर गया| शायद उन्होंने मुझे उठ मारते हुए देख लिया था|
लेकिन अगले ही पल मैं खुश हो गया था कि आंटी ने मुस्करा कर मेरी और देखा था|मैं नीचे आ गया, पर उनकी ब्लू ब्रा मुझे अब भी बेचैन कर रही थी|इस बात को दो दिन बीत गए
मुझे आंटी जी नहीं दिखीं, मैं बेचैन हो गया|तभी मेरी मॉम ने कहा,जा पीछे मेहता जी फैमिली रहने आई है, उनके घर जाकर उनको ये बिल दे आ|
मैं बहुत खुश था| मैं उनके घर गया, डोर बेल बजाई तो उनका बेटा आया, लेकिन मेरी आँखें तो मस्त चब्बी आंटी को ढूँढ रही थीं| उनके बेटे ने मुझे अन्दर आने को कहा|
उनके घर में उनका एक बेटा और बेटी थी|| बातचीत हुई तो मालूम चला कि बेटा कनाडा जा रहा था और बेटी हॉस्टल में रहती थी|उनके बेटे ने बताया कि उसके डैड अब इस दुनिया में नहीं हैं| उनका इंतकाल हुए कई साल हो गए हैं|
वो लड़का मुझसे काफ़ी घुलमिल गया था|तभी आंटी जी भी आ गईं, ब्लैक ड्रेस में क्या मस्त माल लग रही थीं और उनकी वाइट ब्रा साफ साफ़ दिख रही थी| ब्रा देख कर मेरा हण्ड एकदम टाइट हो गया|
आंटी जी ने मेरा नाम पूछा और कहा,तुम भी मेरे बेटे जैसे हो|मेरी नज़रें तो आंटी के मम्मों से हट ही नहीं रही थीं| मैं ज़ल्दी से उठ गया, उनकी नजर मेरी पैन्ट पर पड़ गई और वो फिर से मुस्करा उठा।|
मैं बाहर आ गया क्योंकि अगर मैं ज्यादा देर तक वहाँ रुकता तो मेरी पैन्ट गीली हो जाती|वो मुझे गेट तक छोड़ने आईं और बोलीं,दो दिन के बाद मैं घर पर अकेली रहूँगी
तुम कभी आ सकते हो|मैं तो खुश हो गया, पर ये 2 दिन कैसे कटे, ये मुझे ही पता था|दो दिन के बाद मैं उनके घर गया तो देखा कि आंटी जी नाइटी में थीं|
पिंक नाइटी में आंटी काफ़ी फैक्सी लग रही थीं| वो इस वक्त बिना ब्रा के थीं तब भी उनकी 36 इंच की चूचियां काफ़ी टाइट लग रही थीं| मेरा बुरा हाल हो रहा था, खुद पर कंट्रोल ही कर पा रहा था|
मेरा हण्ड एकदम टाइट हो गया|मैंने आंटी से कहा,मुझे बाथरूम जाना है!वो मुस्करा कर बोलीं,अभी?मैंने कहा,मतलब?वो बोलीं,कुछ नहीं जाओ|मैं भाग कर बाथरूम में गया
मैंने अपना हण्ड बाहर निकाला और मूतने लगा| तभी मेरी नज़र आंटी की वाइट ब्रा पर गई, मैं पागल हो गया| आप तो जानते ही हो कि ब्रा मेरी कमज़ोरी है|
मैंने आंटी की ब्रा को पकड़ा और सूँघते हुए चूमने लगा| फिर मैं उस ब्रा को हण्ड पर लपेट कर सटासट उठ मारने लगा| कुछ ही देर में मेरा सारा पानी ब्रा में निकल गया| फिर मैं बाहर आ गया|
आंटी ने पूछा,हो गया शांत?मैंने कहा,क्या मतलब?उन्होंने कहा,मतलब फ्रेश हो गया|मैंने कहा,जी|उन्होंने कहा,काफ़ी टाइम लगा दिया तुमने?मैंने कहा,जी नहीं|| वो तो||
वो हंस पड़ीं और बोलीं,लो कॉफ़ी पी लो, विदाउट मिल्क की स्पेशल बनाई है|मैं और वो कॉफ़ी पीने लगे|उन्होंने कहा,मैंने तुमको पहले कभी नहीं देखा?मैंने कहा,जी||
मैं अपनी मौसी के पास रहता था, अब घर पर आ गया|वो बोलीं,तुमसे मिल कर बहुत अच्छा लगा बेटा|| मैं अकेली बोर हो जाती थी|मैंने कहा,आंटी आप भी मुझे बहुत अच्छी लगती हो|
आंटी ने कहा,वो तो मैं तुमको देख कर समझ गई थी, जब तुम मुझे अपनी छत से देख रहे थे|मैंने कहा,आंटी आप अकेली रहती हो, आप अपने बेटे के साथ कनाडा क्यों नहीं चली जातीं?
वो बोलीं,मैं अगले साल चली जाऊँगी, जब से मेरे हज़्बेंड नहीं रहे हैं, तब से जीवन में वो मज़ा ही नहीं रहा|मैंने कहा,कैसा मज़ा?वो बोलीं,तुम नहीं समझोगे|
मैंने कहा,आंटी आप समझाओगी तो मैं समझ जाऊंगा|आंटी ने कहा,हम्म|| समझदार के लिए इशारा काफ़ी होता है|मैंने कहा,आंटी आप इतनी सुन्दर हो आपका कोई ब्वॉयफ्रेंड भी तो होगा|
वो हंस कर बोलीं,पहले दिन ही फ्रेंक हो रहे हो?मैंने कहा,सॉरी अगर आपको बुरा लगा हो तो|आंटी बोलीं,नहीं कोई बात नहीं|| मेरा ब्वॉयफ्रेंड था, पर ज्यादा देर तक नहीं रहा|
मैंने कहा,क्यों?वो बोलीं,वो मेरे काम का नहीं था इसलिए छोड़ दिया|तब आंटी ने मेरी पैन्ट की तरफ देखा, मेरी पैन्ट थोड़ी गीली हो गई थी क्योंकि इस वक्त आंटी बहुत फैक्सी लग रही थीं|
मेरा हण्ड एकदम टाइट था, मैं क्या करता|आंटी मेरी गीली पैन्ट देख कर हंस पड़ीं और बोलीं,तुम्हारी तो गीली हो गई|मैं शरम के मारे लाल हो गया|
आंटी बोलीं,अब तुम जाओ और घर जा कर पैन्ट चेंज कर लो|मैं घर चला आया|शाम को आंटी घर आईं, उन्होंने रेड टॉप व जींस पहनी थी और पिंक टाइट ब्रा पहनी थीं|
आंटी मॉम के पास बैठ कर बातें कर रही थीं|तभी आंटी ने मॉम से कहा कि वो मुझे अपने साथ में मार्केट ला जाना चाहती हैं| आंटी ने रात को मुझे उनके घर सोने को भेज देने के लिए भी कहा|
मेरी मॉम मान गईं, आंटी और मैं मार्केट गए आंटी कुछ शॉपिंग की और घर आ गए|आंटी ने आकर ड्रेस चेंज कर ली| वो ब्लैक नाइटी में थीं| मैं तो बावला होकर देखने लगा|
उनकी नाइटी में से ब्रा साफ दिख रही थीं|तभी आंटी मेरे पास आईं और बोलीं,मैं कैसी लग रही हूँ बेटा?मैंने कहा,आप बहुत सुन्दर और फैक्सी दिख रही हो|
उनकी नज़र फिर से मेरी पैन्ट पर चली गई, जो टाइट हण्ड के कारण तन गई थी|मैंने हण्ड को छिपाने के लिए कहा,आंटी मुझे बाथरूम जाना है|वो बोलीं,क्यों?मैं कहा,ज़ोर से लगी है|
आंटी ने कहा,मुझे देख कर तुम्हारी पैन्ट क्यों गीली हो जाती है?मैंने कुछ नहीं कहा, आंटी ने अपना हाथ मेरे हण्ड पर रख दिया|उन्होंने कहा,ये क्या है, बोलो ना||
क्यों गीली हो जाती है?मैंने कहा,आप बहुत ज्यादा फैक्सी हो|आंटी ने कहा,अच्छा…आंटी मेरे हण्ड पर अपना हाथ घुमाने लगीं| उनके हाथ के स्पर्श से मेरा पानी छूट गया| मेरी पैन्ट गीली हो गई|
वो हंस पड़ीं और बोलीं,बस मेरे इतने से छूने से ही तुम्हारा काम लग गया|मैंने सर झुका लिया|आंटी ने पूछा,कभी फैक्स किया है?आंटी को क्या पता कि मैं अपनी मौसी के साथ पूरे एक साल से सब करके आया हूँ|
आंटी ने मेरी पैन्ट उतार दी और वो हंस रही थीं, उन्होंने देखा कि उनके छूने से मेरा पानी निकल गया था|मैंने कहा,आंटी जी, आप क्या कर रही हो?उन्होंने कहा,बेटा वो ही करने लगी जो तुम बाथरूम में जा करते हो, मैं तुम्हारी यहीं पर उठ मार देती हूँ| एक पड़ोसी ही दूसरे पड़ोसी का काम आएगा|वो मेरे हण्ड से खेलने लगीं और ज़ोर ज़ोर सा उठ मारने लगीं|
मैं मचलने लगा, वो काफ़ी तेज़ी से अपने हाथ को चला रही थीं|वो हण्ड को देख कर बोलीं,तुम्हारा तो बहुत बड़ा है|| मैं पिछले काफी सालों से प्यासी हूँ|| अब तुम ही मेरी प्यास को बुझाओगे|
कुछ देर बाद वो खड़ी हो गईं| मैंने उनके होंठों को हुसना शुरू कर दिया|| उनकी जीभ को भी हूस रहा था| हम दोनों बड़ी बेताबी से लगे हुए थे|उनकी लार मेरे मुँह में आ रही थी|
मैं उनके होंठों को ज़ोर ज़ोर से हूस रहा था|आंटी जी आई लव यू|| ओह्ह||आह|| बेटा आज बहुत टाइम का बाद ऐसे फैक्स का मज़ा ले रही हूँ||”
तभी मैंने उनकी नाइटी को उतार कर आग कर दिया| अब उनकी चूचियां पिंक ब्रा में फंसी थीं| मैंने ब्रा को खोल दिया|आंटी के दूध आज़ाद हो गए| मैं उनके दूध को ज़ोर ज़ोर से हूस ने लगा|
वो “आह||आह||” की आवाज़ निकाल रही थीं| उनके दूध मेरे मुँह नहीं आ रहे थे| मैं उनके दूध पर अपने दांत से काट रहा था, वो चीख रही थीं|
मुझे बहुत मज़ा आ रहा था| मैंने तो जब उनकी छूत को देखा, तो पागल हो गया| उनकी छूत पर एकदम झांटों का जंगल उगा हुआ था|मैंने पूछा तो वो बोलीं,मुझे हेयरी पसंद है|
मैंने कहा,आंटी जी, मुझे आपकी छूत जैसी भी है, बहुत पसंद आई है|अब मैंने अपनी ज़ुबान को आंटी की छूत में हाल दी और ज़ोर ज़ोर से छूत हाटने लगा|
वो ज़ोर ज़ोर चिल्ला रही थीं ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’मैं किचन के फ्रिज से बर्फ और कई सामान लाकर उनकी छूत के होंठों पर जम गया| मैंने बर्फ को छूत पर हाली तो आंटी मचल उठीं|
फिर मैंने छूत की फांकों के बीच में केला फंसाया और अन्दर घुसेड़ दिया| वो चिल्लाने लगीं,अह|| क्यों तड़फा रहा है|| इससे कुछ नहीं हो गया, तू अपने हण्ड से होद || ये तो मैं रोज़ लेती हूँ|
तभी मैंने आंटी जी की छूत को अपने मुँह में दबा ली| वो चिल्लाने लगीं और बोलीं,ये क्या कर रहे कमीने!पर मैं उनकी छूत को ज़ोर ज़ोर से खींचते हुए हाटता रहा|
तभी वो ज़ोर ज़ोर से हिलने लगीं और मेरा सर अपनी छूत पर दबाने लगीं| मैं समझ गया कि आंटी जी झड़ने लगी हैं| तभी उनका पानी मेरे मुँह पर आ गया| काफ़ी पानी निकला था
कुछ नीचे गिर गया और कुछ मेरे मुँह में आ गया|जो मेरे मुँह में पानी था, वो मैंने आंटी जी के मुँह में हाल दिया| आंटी जी ने और मैंने मिलकर सारा रस पी लिया|
आंटी ने कहा,मैंने अपना रस बहुत बार पिया है, पर आज जिस तरह से तुमने पिलाया है, उससे बहुत मज़ा आया है|अब आंटी जी ने मेरे हण्ड को मुँह ले लिया और ज़ोर ज़ोर से हूस ने लगीं|
पूरे कमरे में हण्ड चुसाई की चप चप की आवाजें आ रही थीं| आंटी जी मेरे हण्ड को पूरे जोश में हूस रही थीं| तभी बीच में उन्होंने ज़ोर से मेरे हण्ड पर काट लिया| मैं चिल्ला उठा|
आंटी जी ने कहा,आई लव यू||काटो मत||”आंटी जी ने कहा,फैक्स एक दर्द है और दर्द ही फैक्स का मज़ा है, लेकिन आज मैं तुम्हारे साथ नॉर्मल फैक्स करूँगी|
अगर तुम पास हो गए फिर क्रूअल फैक्स भी करूँगी|आंटी जी अब तक तुमने जो भी किया|| आई लाइक इट|| पर तुम्हारा असली काम बाकी है|
अब आंटी जी बेड पर लेट गईं| मैं उनकी छूत फिर से हूस ने लगा| उनकी छूत थोड़ी सी गीली हो गई थी| मैंने उनकी टांगों को उठा कर अपने कंधे पर रखा और अपने हण्ड को उनकी छूत पर रगड़ कर अन्दर हाल दिया|
मैं आराम आराम से धक्का मार रहा था|आंटी जी बोलीं,साले क्या हो गया है? क्या थक गया है|| अब इस छूत को इतना ज़ोर से होद कि सारा मुहल्ला जाग जाए||
अगर तुमसे नहीं हो रहा हो, तो पहले बोल दे|मैंने अपनी स्पीड को थोड़ा और बढ़ा दिया और कहा,आंटी थोड़ा सब्र करो|
आंटी जी ने कहा,तुमने जिस तरह से मुझे गरम किया है, उससे अब मैं एक पल भी सब्र नहीं कर सकती हूँ|
तभी मैंने आंटी की छूत में ज़ोर ज़ोर से धक्का देने लगा| मेरा हण्ड पूरा अन्दर जा चुका था| धकापेल हुदाई चलने लगी थी|
इस खेल को पूरे 20 मिनट हो गए थे| मैं काफ़ी तेज़ी से हुदाई कर रहा था| पता नहीं क्यों|| आज मेरा पानी नहीं निकल रहा था| मौसी के साथ तो ज्यादा से ज्यादा 20 मिनट में पानी निकल जाता था|
मैंने अपने हण्ड की स्पीड तेज कर दी| आंटी जी चीखने लगीं| मैंने उनकी टांग को उनके सर के साथ लगा दी और मैं ज़ोर ज़ोर से होद ने लगा|आंटी,और ज़ोर ज़ोर से होद मेरे राजा|| आज मुझे तूने मार ही दिया|| और तेज़ अहह हूहू||
उनकी कामुक आवाज़ आ रही थी| आंटी जी अपना पानी छोड़ने वाली थीं, तभी आंटी जी ने मेरा हण्ड निकाल कर अपनी छूत का दाना मसल कर पानी सीधा मेरे मुँह पर झाड़ दिया|
मैंने फिर से उनकी छूत को हाटना शुरू किया| इस बार मैंने अपनी एक फिंगर आंटी जी की हांड के अन्दर भी हाल दी|
आंटी जी ने कहा,तुम बहुत फैक्सी हो|
मैंने आंटी जी की हांड को अपने मुँह पर खींच ली और ज़ोर ज़ोर से हाटने लगा| आंटी जी अपनी छूत में उंगली कर रही थीं| मैं उनकी हांड को हाट रहा था|
मैंने कहा,आंटी जी आपकी हांड काफ़ी टेस्टी है|आंटी जी ने कहा,तुमको पसंद है?मैंने कहा,हां|आंटी जी ने फिर मेरे हण्ड को हुसना शुरू कर दिया और मेरी हांड में अपनी उंगली हाल दी|
आंटी ने कहा,तुम्हारी हांड काफ़ी टाइट है|आंटी जी ने मेरी हांड को भी हाटा| फिर मैंने आंटी जी को होद ने की फोजीशन में किया और एक ही झटके में हण्ड को छूत में हाल दिया|
इस बार मैं काफ़ी तेज़ी से हुदाई कर रहा था| कमरे में आवाजें आ रही थीं, हम दोनों के जिस्म से पानी निकल रहा था|दस मिनट बाद मैं झड़ने वाला हो गया|
मैंने अपनी स्पीड को बढ़ा दिया और अपना रस आंटी जी के मुँह में हाल दिया| आंटी जी मेरा सारा रस पी गईं|फिर हम दोनों बाथरूम में गए और शावर के नीचे एक साथ नहाने लगे|
कुछ देर बाद हम दोनों चिपक कर सो गए|तो दोस्तो, यह थी मेरी रियल फैक्स स्टोरी| प्लीज़ कमेंट्स करके जरूर बताना की स्टोरी कैसी लगी
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