गिफ्ट के बदले भैया मुझे बिस्तर पर ले गए

गिफ्ट के बदले भैया मुझे बिस्तर पर ले गए ये मेरी पहली कहानी है हमारी वासना डॉट नेट पर मैं कई कहानियां पढ़ी है इस वेबसाइट पर तो आज मुझे भी लगा की मैं भी अपनी सेक्स कहानी आप सभी सेक्स कहानी के पाठक के साथ शेयर करूँ। मैं भी मजे लेती हूँ आपकी कहानी पढ़कर तो आज मैं भी आपको अपनी कहानी सुनाऊँगी। पहले तो लग रहा था मैं ये बात किसी और से शेयर नहीं करूँ क्यों की ये घर की चुदाई का मामला है और वो भाई बहन भाई के सेक्स सम्बन्ध के बारे में। पहले ये भी सोच रही थी की शायद ये मैं भी गलत की पर जब इस वेबसाइट पर आकर कहानियां पढ़ी. तो ऐसा लगा की मैं ही सिर्फ नहीं हूँ जो बहन भाई से सेक्स सम्बन्ध बना है और भी कई लड़कियों की कहानियां पढ़ी। तब जाकर लगा की मुझे भी अपनी सेक्स कहानी शेयर करने चाहिए। तो ये लीजिये हाजिर है मेरी से सेक्स कहानी। मेरा नाम पल्लवी है। मैं एक बैंक में काम करती हूँ। मैं अभी कुंवारी हूँ। मेरी शादी नहीं हुई मैं मैं किराए पर ही रहती हूँ। उत्तर प्रदेश के एक शहर में मैं इस शहर का नाम नहीं बताउंगी। और मेरे भैया गुडगाँव की एक कंपनी में काम करते हैं और मम्मी पाप...

जबरदस्ती सलवार खोलकर पड़ोसन आंटी की हुदाई करी


जबरदस्ती सलवार खोलकर पड़ोसन आंटी की हुदाई करी 


 आज जो  स्टोरी में आप सभी के साथ शेयर करने जा रहा हूँ वो एक वास्तविक  घटना पर आधारित है जब मैंने मेरी पड़ोसन आंटी की जबरदस्ती हुदाई करी थी और उन्होंने रोते रोते मेरे हण्ड  से अपनी छूत हुदवाई थी. दोस्तों में उन संस्कारी आंटी को बहुत प्यार करने लगा था और एक दिन मेरे प्यार ने अपनी सारी हदे पर कर दी और मैंने उनके साथ जबरदस्ती कर डाली पर बाद में वो खुद मुझसे हुदने के लिये मान गयी और फैक्स  करने में मेरा साथ देने लगी थी.

 दोस्तों मेरी उम्र 24 साल है और मेरे हण्ड  की लम्बाई करीब 9 इंच और मोटाई करीब 4 इंच के आस पास होगी. दोस्तों मैं मेरे हण्ड  की बहुत देखभाल करता हूँ में रोज रात को सोने से पहले मेरे हण्ड  की देसी घी से मालिश करके सोता हूँ और रेग्युलर हमैथुन भी करता हूँ.


मेरे पड़ोस में ही एक आंटी रहती है जिनका नाम आशा है वो बहुत ज्यदा संस्कारी हैं. वो अधिकतर सलवार सूट ही पहनती है. आंटी सलवार सूट में बहुत कातिल लगती है.


 मेरी पड़ोस में रहने वाली फैक्स ी आंटी की उम्र करीब 40-42 वर्ष के आस पास होगी. वो दिखने में बहुत खुबसूरत और फैक्स ी हैं. मेरी पड़ोसन आंटी वैसे तो दो बच्चो की माँ हैं पर उन्हें देख कर किसी भी एंगल से नहीं लगता की उनके दो बच्चे होंगे. पड़ोसन आंटी ने अपने हॉट और फैक्स ी जिस्म को बहुत अच्छी तरह से मेंटेन कर रखा है. पड़ोसन आंटी के दूध  का साइज़ 34सी या 34डी होगा उनके दूध  देखने में बहुत कमाल के हैं. आंटी की हांड बहुत शानदार है और थोड़ी ज्यादा मोटी है.


मेरी और आशा आंटी की हुदाई की यह हिंदी फैक्स  स्टोरी आज से करीब 5 साल पुरानी है, उस समय मैं कॉलेज में पढाई करा करता था. आशा आंटी के घर मेरा रोज का आना जाना था. मैं अपने फ्री टाइम मे आशा आंटी के घर चला जाता था. आशा आंटी के पति के साथ मेरे एक दोस्त जैसे काफ़ी अच्छे सम्बन्ध थे. स्कूल के दीनो से ही मैं पड़ोसन आंटी को बहुत पसंद करता था और उनके साथ फैक्स  करने का अरमान अपने दिल में दबाकर रख रखा था. मैं चोरी छुपे पड़ोसन आंटी का क्लीवेज और हांड को देखा करता था, आशा आंटी जब सफाई करने के लिए झुकती थी तब उनकी सलवार से क्लीवेज सॉफ दिखाई देता था.


मैने अपने मोबाइल फोन मे फैक्स ी संस्कारी आंटी के क्लीवेज और हांड की काफ़ी फैक्स ी फैक्स ी फोटोस निकाल रखी थी और उन्हे देखकर ही मैं रोज रात को सोने से पहले उनके नाम की हमैथुन करा करता था.


 पड़ोसन आंटी के पति को काम के सिलसिले में कई बार शहर से बाहर जाना पड़ता था सो हर बार मैं उनकी ही बाइक से उन्हे स्टेशन छोड़ने जाता था. जब आशा आंटी के पति घर पर नहीं होते थे तो मैं कई बार पड़ोसन आंटी के घर उनकी हुदाई करने की नीयत से पहुच जाया करता था पर कभी उनसे अपने दिल की बात जाहिर करने की हिम्मत ही नहीं होती थी और में वापस अपने घर चला आता था और उनके नाम की हूठ मारकर अपने हण्ड  को सन्तुषट कर लिया करता था.



पर एक बार जब रात के समय मैं अंकल को रेलवे स्टेशन छोड़ने गया तो मैंने सोचा की आज सही मौका है आशा आंटी की हुदाई करने का घर पर उनके छोटे बच्चो के अलावा और कोई नहीं है. मैंने बाइक की स्पीड तेज करी और जल्दी से आशा आंटी के पति को छोड़कर वापिस उनके घर पर बाइक रखने आ गया. मैने सोच लिया था की आज रात कैसे भी करके आशा आंटी की छूत हुदाई करके रहूँगा. जब मैने पड़ोसन आंटी को बाइक की चाबी लौटाई तो उन्होंने बड़े प्यास से मेरे बालों को सहलाया और बोला थेंक्स बेटा तुम हमारी कितनी मदद करते हो.


दोस्तों जैसे ही संस्कारी आंटी ने मेरे बालों में अपने हाथ फेरे वैसे ही मेरे हण्ड  में तनाव बढ़ गया और मेरी धड़कने बहुत तेज तेज चलने लगी मेरे अंदर पड़ोसन आंटी को होदने की इच्छा और तीव्र हो उठी थी. आधी रात के करीब 3 बज रहे थे. मैंने पड़ोसन आंटी से पानी मागा. जब वो किचन मे पानी लेने गयी तब मैं भी चुपके चुपके फैक्स ी पड़ोसन आंटी के पीछे किचन मे चला गया और बिना कोई आवाज़ करे किचन का दरवाज़ा अंदर से बंद कर दिया और उसकी और मुड़ा, आशा आंटी की पीठ मेरी और थी उन्होंने अपने हॉट और फैक्स ी जिस्म पर हल्के ब्राउन कलर का चूड़ीदार सलवार सूट पहना था, मैं चुपके से पड़ोसन आंटी के पीछे गया और एकदम से उनके मूह को अपने राइट हॅंड से बंद कर दिया ताकि वो चिल्ला ना सके.




फिर मैने पड़ोसन आंटी के कान मे कहा की मुझे आप की छूत हुदाई करनी है, मैं आज आप की मर्ज़ी से या ज़बरदस्ती आप की छूत हुदाई करने वाला हू, तो आंटी जी आप के लिये अच्छा यही रहेगा की आप फैक्स  करने में मेरा पूरा साथ दें क्या फर्क पड़ता है एक दिन आप के पति की जगह में ले लूँ तो… आप मुझे भी मजे करने दें और खुद भी मेरे लम्बे मोटे हण्ड  के मज़े ले. मेरी बात सुनकर आशा आंटी समझ गयी की आज उनका चमत्कार होना तय है.


 वो डर के मारे घबरा गयी और मुझसे छुटने के लिये झटपटाने लगी. मैने फैक्स ी पड़ोसन आंटी का मूह ओर ज़ोर से दबाया और बोला की लास्ट चान्स दे रहा हू आंटी जी आप को, अगर झटपटाना बंद नही करोगी तो मुझे आप के इस फैक्स ी जिस्म के साथ ज़बरदस्ती करनी पड़ेगी. पर मेरे बहुत समझाने के बाद भी वो मानने को तैयार नहीं थी. फिर मैं सूट के उप्पर से ही अपने हाथों से पड़ोसन आंटी के मोटे मोटे दूध  मसलने लगा.


पड़ोसन आंटी के मोटे मोटे दूध  काफ़ी सॉफ्ट थे. पड़ोसन आंटी अभी भी मुझसे छूटने की काफ़ी कोशिश कर रही थी. फिर मैने धीरे से पड़ोसन आंटी की सलवार के अंदर हाथ डाल दिया और उनकी छूत को सहलाने लगा. अब पड़ोसन आंटी ने रोना शुरू कर दिया था, मेरे पास अब और कोई रास्ता भी नही बचा था अगर मैं आंटी को ऐसे भी बिना होदे छोड़ के चला जाता तो भी वो सब कुछ सबको बता देती, इसीलिए मैने सोचा की वैसे भी  जब सबको मेरी इस हरकत के बारे में पता चलेगा तो क्यों ना आंटी की छूत के मज़े लेकर ही अपनी भूख शांत करी जाए कल जोग जो देखा जायगा.

फिर मैने पड़ोसन आंटी की चूड़ीदार सलवार का नाडा खोला और उनकी सलवार को अलग निकाल दिया, ऐसा करते ही वो और ज्यादा घबरा गयी और मेरे हाथों को पकड़ने लगी, मैने बड़ी मुश्किल से अपना हाथ छुड़वाया और आशा आंटी की फेनटी मे हाथ डाल के उनकी छूत में उंगली करने लगा, अब चमत्कार के दर से पड़ोसन आंटी का पूरा बदन कापने लगा था, और थोड़ी ही देर मे पड़ोसन आंटी की छूत के पानी से मेरा उल्टा हाथ गीला हो चुका था. पड़ोसन आंटी एक बार तो झड़ चुकी थी उनकी छूत कामरस से तर हो रही थी, और अब वो मुझसे छूटने की भी कोशिश नही कर रही थी अब वो भी हुदास से भर चुकी थी.


मैने धीरे से अपना हाथ पड़ोसन आंटी के मूह से हटाया और पड़ोसन आंटी को अपनी और टर्न किया, आशा आंटी का खुबसूरत चहरा अपने दोनो हाथो से पकड़ कर उनके गुलाबी गुलाबी होट पर अपने होट रख दिए और अपनी ज़ुबान आंटी के मुह में डालना शुरू कर दिया कुछ देर बाद आंटी भी मेरा साथ देने लगी और वो भी मेरे मूह में अपनी जीभ डालने लगी. आंटी की प्रतिक्रिया देख मेरी खुशी का कोई ठिकाना ही नही था में समझ गया की आंटी ने हार मान ली है और मेरे आगे समर्पण कर दिया है. थोड़ी देर तक पड़ोसन आंटी के साथ चुम्मा चाटी करने के बाद मैंने पड़ोसन आंटी के फैक्स ी जिस्म से सारे कपड़े निकाल दिए और उन्हें होदने के लिये पूरी नंगी धड़ंग कर दिया.


अब पड़ोसन आंटी मेरे सामने बिना कपड़ों के बिलकुल नंगी खड़ी थी. फैक्स ी पड़ोसन आंटी के नंगे दूध  देख मुझसे सब्र नहीं हुआ और में किसी भूखे कुत्ते की तरह उनके दूध पर टूट पड़ा, एक के बाद एक खुबसूरत आंटी के दोनो मोटे मोटे दूध  को जी भर के छूस रहा था, थोड़ी देर बाद मैं भी पूरा नंगा हो गया, फिर कुर्सी पर बैठा और आशा को अपनी गोद मे बिठाया, और फिर से खुबसूरत आंटी के दूध  छूसने लगा, खुबसूरत आंटी के दूध  से दूध निकल रहा था जो स्वाद मे हल्का सा मीठा और गाढ़ा था, जी भर के उनका दूध पीने के बाद मैने पड़ोसन आंटी को किस किया फिर पड़ोसन आंटी को मेरा हण्ड  छूसने को बोला. मेरा हण्ड  करीबन 9 इंच लंबा था और 4 इंच मोटा है.

आंटी ने पहले तो हण्ड  मुह में लेकर छूसने से मना कर दिया पर थोड़ी देर बाद मान गयी, वो मेरे सामने घुटने पर बैठ गयी और मेरा हण्ड  अपने मूह मे ले लिया वो सिर्फ़ हण्ड  का टोपा ही छूस रही थी इस लिए मैने उनका सिर पकड़ के मैने पूरा हण्ड  खुबसूरत आंटी के गले तक पेल दिया, इसके कारण उसकी आँख भर आई और वो ख़ासने लगी, फिर मैने ज़बरदस्ती पड़ोसन आंटी के मूह मे अपना पूरा हण्ड  डाल दिया और उनके मूह की हुदाई करने लगा. जब में आंटी का मुह होद रहा था तो उनका मुह पूरा लाल हो चूका था मेरा हण्ड  उनके गले तक जा रहा था जिस कारण बजॉब करते वक्त उन्हें बार बार खांसी भी आ रही थी.

खुबसूरत आंटी के मूह को होदने के बाद मैने फैक्स ी आंटी को डाइनिंग टेबल पर सुलाया और उनकी गोरी गोरी टाँग पकड़ के अपनी और खींच दी और अपने कंधे पर आंटी की नंगी टाँग रखी, फिर मैने अपना हण्ड  खुबसूरत आंटी की गीली छूत पर रखा, उस 42 साल की महिला की छूत पर हल्के हल्के बाल थे और पूरी गीली हो चुकी थी उसकी छूत, मैने एक ही झटके मे अपना पूरा हण्ड  उसकी छूत मे पेल दिया, इस से खुबसूरत आंटी के मूह से हल्की सी आआह निकल गयी. मैं ज़ोर ज़ोर से अपना हण्ड  उसकी छूत के अंदर बाहर करने लगा, उसकी छूत के पानी से मेरा हण्ड  गीला हो चुका था और हमारी हुदाई की पूछक… पूछक… और ठप… ठप… की आवाज़ से किचन गूँज रहा था जिस कारण मुझे डर था की आंटी के बच्चे जाग ना जाए पर नसीब अछा था की किसिको कुछ पता नही चला.

मैने करीब चार पाँच मिनिट तक पड़ोसन आंटी को इसी फैक्स  पोज़िशन मे होदा. फिर मैं वापिस कुर्सी पर बैठ गया और पड़ोसन आंटी को अपनी गोद मे बिठाकर अपना हण्ड  उसकी छूत मे डाल दिया, अब वो मेरी गोद मे मेरा हण्ड  अपनी छूत मे लिए उछाल रही थी, और खुबसूरत आंटी के दूध  मेरी आँखो के सामने बाउन्स हो रहे थे, मैने फिर से खुबसूरत आंटी के दूध  छूसना शुरू कर दिया और उसने मेरे हण्ड  पे उछालना जारी रखा. थोड़ी देर बाद आंटी ने बोला की वो अब बहुत ज्यादा थक गयी है, तो मैने खुबसूरत आंटी के हाथ डाइनिंग टेबल पर रखे और उन्हें झुकाकर घोड़ी बना दिया और फिर पीछे से उनकी छूत मे अपना हण्ड  डाल दिया, और पड़ोसन आंटी को डॉगी स्टाइल में पीछे से ज़ोर ज़ोर से होदने लगा.


पड़ोसन आंटी को होदते हुए मैने अपना एक हाथ उसकी हांड के छेद मे डाल दिया इससे वो एकदम चौक गयी और अपनी छूत को और टाइट कर दिया, मैने अपना हाथ आंटी की हांड के अंदर ही रखते हुए होदने की स्पीड और बढ़ा दी, अब मैं झड़ने वाला था. बड़ी बेरहमी से उसकी छूत फेलने के बाद मे उसकी छूत मे ही झड़ गया,


 फिर उसने बिना अपनी छूत सॉफ करे ही कपड़े पहन लिए और मैने भी अपने कपड़े पहन लिए, फिर वो बिना कुछ बोले ही किचन से बाहर जाने लगी, तब मैने उनका हाथ पकड़ के अपने पास खिंचा और फिर में कुर्सी पर बैठ गया और आंटी को अपनी गोद मे बिठाया, और फिरसे उन्हें किस करने लगा.


थोड़ी देर तक आंटी के साथ चुम्मा चाटी करने के बाद मेरा हण्ड  फिर से तन गया, तो मैने बजॉब के मजे लेने के लिये अपना हण्ड  एक बार फिर पैंट से बाहर निकाला और आशा आंटी को मूह मे लेने को बोला, वो बिना कुछ बोले ही नीचे घुटनो पर बैठ गयी और मेरे हण्ड  को अपने गले तक लेकर छूसने लगी. 


आंटी के मुह में जाते ही मेरे हण्ड  का आकर और बढ़ गया और मैने पुरे जोश के साथ खुबसूरत आंटी के मूह को होदना शुरू किया. थोड़ी देर तह आंटी के मुह की हुदाई करने के बाद मैने पड़ोसन आंटी को खड़ा किया और एक बार फिर उनके हॉट और फैक्स ी जिस्म से उनकी सलवार और फेनटी निकाली और डाइनिंग टेबल के सहारे उन्हें हूतिया बनाया और होगी स्टाइल में पीछे से उनकी हांड की हुदाई करने लगा.


करीब दस मिनट के बाद मैंने संस्कारी आंटी की हांड से अपना हण्ड  बाहर निकाला और पड़ोसन आंटी को फिर से हण्ड  मुह में लेकर छूसने को बोला. थोड़ी देर तक खुबसूरत आंटी के मूह की हुदाई करने के बाद मैं झड़ने वाला था तब मैंने आंटी का सिर कस कर पकड़ा और उनके मूह में अपना सारा पानी छोड़ दिया. 

आंटी किसी प्यासी यांडी की तरह मेरा सारा का सारा पानी पी गयी, मेरा पानी पिने के बाद फिर से आंटी जी ने अपने सारे कपड़े पहने और मैं भी अपने कपडे पहन कर आंटी के घर से अपने घर चला आया.


 दोस्तों संस्कारी आंटी ने इस हुदाई की घटना के बारे में किसी को भी नहीं बताया है नहीं तो अपवित्रीकरण करने के आरोप में मुझे जेल हो जाती.


अब वो संस्कारी आंटी भी मुझसे प्यार करने लगी है और उन्हें मेरे हण्ड  से अपनी हांड मरवाना और छूत हुदवाना बहुत पसंद है. दोस्तों जिस दिन हमने पहला फैक्स  करा था उसी दिन से मेरा और आशा आंटी का अफेयर शुरू हो गया जो आज तक चल रहा है जब जब अंकल शहर से बाहर जाते है तब तब में आंटी की प्यासी रातें हसीन करने पहुच जाता हूँ और हम खूब मजे से फैक्स  का आनंद लेते हैं. 


दोस्तों उम्मीद करता हूँ की आप सभी को मेरी  स्टोरी बहुत पसंद आई होगी आप इस फैक्स  कहानी को अपने दोस्तों के साथ सरुर शेयर करें।

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