बीवी की मम्मी को हंड दिखा कर गर्म किया

बीवी की मम्मी को हंड दिखा कर गर्म किया मेरा नाम कुणाल है. मैं नागपुर (महाराष्ट्र) हूं. मेरी उम्र 31 साल है. मेरी शादी 3 साल पहले इंदौर की एक लड़की रिंकू (बदला हुआ नाम) के साथ हुई थी. मेरी बीवी रिंकू अच्छी है मगर मुझे उसकी   यानि कि मेरी सास उससे भी ज्यादा पसंद थी. मेरी सास का नाम कलावती है. उनकी उम्र उस वक्त 48 साल की थी. अब तो उस बात को काफी समय बीत चुका है. उसका फिगर 38-32-40 का है. काफी भारी भरकम औरत है लेकिन होद ू माल है. मैं बिजनेस करता हूं और मेरी बीवी कोचिंग करती है. वो पूरा दिन व्यस्त रहती है. शादी के बाद दूसरे महीने में ही मेरी बीवी के पाँव भारी हो गए. उसकी तबीयत ठीक नहीं रहती थी. उसको काम करने में दिक्कत होने लगी तो मेरे ससुर ने रिंकू की मम्मी को हमारे पास नागपुर भेज दिया. मैं ही उनको लेने के लिए बस स्टॉप पर गया था. जब मैं उनको लेने गया तो मैंने उनको नमस्ते किया और फिर उनका सामान उठाया. दो बैग थे. मैंने दोनों को उठाकर कार में रख लिया. फिर हम लोग घर के लिए निकल चले. वहां पर ट्रैफिक काफी होता है इसलिए कार से चलने

घर आई मेहमान की हंड से सेवा की


घर आई मेहमान की हंड  से सेवा की


मेरा नाम अभय है और में भोपाल में रहता हूँ और में कॉलेज स्टूडेंट हूँ. मेरी उम्र 21 साल और मेरी लम्बाई 5.10 इंच है. दोस्तों मुझे शुरू से ही फैक्सी आंटी और भाभी बहुत पसंद है और आज में आप सभी को अपनी एक ऐसी ही फैक्सी आंटी की सच्ची हुदाई की घटना बताने जा रहा हूँ.


दोस्तों अब में अपनी कहानी पर आता हूँ जो अभी कुछ दिनों पहले ही मेरे साथ घटित हुआ है. दोस्तों मेरे घर में मेरी मम्मी, पापा और में रहता हूँ. दोस्तों कुछ समय पहले मेरे पापा को पाइल्स हो गया और उस वजह से उन्होंने अपने ऑफिस से 2 महीने की छुट्टी ले ली थी.

मेरे पापा की सरकारी नौकरी है. तो पापा अपने ऑफिस से छुट्टी लेकर हमारे गाँव में कुछ दिन आराम करने चले गए और फिर मेरी मम्मी भी मेरे पापा के साथ गाँव में चली गई और अब घर पर सिर्फ़ में अकेला था और मेरे कुछ दिन ऐसे ही बीत गए.

फिर एक दिन मेरे बड़े पापा का मेरे पास कॉल आया उन्होंने मुझसे कहा कि उनकी लड़की मतलब कि मेरी कज़िन बहन का का ऑपरेशन हुआ है तो वो उनको कुछ दिन मेरे घर ही रखेंगे क्योंकि उनको भोपाल के हॉस्पिटल में भेज दिया था, तो मैंने कहा कि ठीक है आप ले आओ.

अब अगले दिन वो मरीज को लेकर मेरे घर पर आ गए और उनके साथ उनके पति और एक आंटी जो उन्ही के रिश्ते में थी वो और मेरे बड़े पापा भी आए थे. वो आंटी तो उनकी देखभाल करने और मुझे भी खाना बनाने में दिक्कत आती थी इसलिए आई थी.

लेकिन दोस्तों मुझे क्या पता था कि वो मेरा उस तरीके से इतना अच्छा ख्याल रखेगी जिसके बारे में मैंने कभी सोचा भी नहीं था. दोस्तों में सबसे पहले फैक्सी आंटी के बारे में बता दूँ, उनकी उम्र करीब 36 साल थी और उनका फिगर 34-32-36 था और वो दिखने में अच्छी थी. वो थोड़ी साँवली थी, लेकिन गाँव की गोरी से कम भी नहीं थी.

उनका एकदम कसा हुआ गठीला बदन, बड़ी गांड, ड़े बड़े बूब्स एकदम सेक्स माल. फिर मेरे बड़े पापा और उनके पति तो हॉस्पिटल के ही चक्कर काट रहे थे और हम दोनों बहुत घंटो तक घर में अकेले ही रहते थे और इस बीच मेरी उनसे बहुत अच्छी दोस्ती हो गई थी और उन्होंने बताया कि उनकी शादी को पूरे 14 साल हो गए है और उनके दो बच्चे भी है.

फिर रात हुई और में हमेशा अपने रूम में ही सोता था और वो बाकी सब लोग हॉल में सोते थे और हम सभी करीब 1 बजे तक बातें किया करते थे और में उन पर लाईन मारा करता था. फिर एक रात हम सब बातें कर रहे थे तो उस समय आंटी भी नहीं सोई थी और मैंने गौर किया कि वो चादर ओड़कर सोई हुई थी और उनका हाथ उनकी छूत पर था और वो बार बार हिल रहा था.

थोड़ी देर वो हलती फिर अपनी छूत पर अपना हाथ रख लेती तो में समझ गया कि यह कुछ ही दिनों में मुझसे जरुर हुद जाएगी. में जब उनको देख रहा था तब उन्होंने मुझे देख लिया था फिर से चादर ओढ़कर सो गई मुझे लगा कि शायद वो मुझसे नाराज़ हो गई है तो मैंने सोचा कि सुबह उठकर देखते है.

फिर में भी सो गया, लेकिन रात को अचानक मेरी नींद खुली और किसी ने बाथरूम का दरवाजा खोला तो मैंने चुपके से जाकर देखा तो आंटी और मेरी दीदी थी. पहले तो दीदी मूत करके बाहर आ गई और वो उन्हे बिस्तर पर लेटाकर खुद मूतने चली गई और उनके मूतने की आवाज़ इतनी तेज थी कि में क्या बताऊँ में समझ गया कि यह महीनों से नहीं हुदी है, क्योंकि उनका पति बहुत दारू पीता था और उन्हे मारता भी था.

फिर अगली सुबह में उठा और फ्रेश होकर में किचन में चला गया. मैंने देखा कि वो खाना बना रही थी. में उनके पीछे इस तरह खड़ा हुआ कि मेरा हंड  उनकी गांड के एक तरफ छू रहा था और वो मेरी इस हरकत से चौंक गई और मेरी तरफ देखने लगी.

मैंने एक स्माइल पास कर दी और वो बिना कुछ कहे फिर से अपने काम में लग गई और फिर में वहीं पर खड़ा खड़ा चाय पीने लगा और उनको भी पिलाई. फिर उनसे पूछा कि क्यों आपको नींद कैसी आई? तो वो मुझसे बोली कि अच्छी आई लेकिन तुम भोपाल के लोग बहुत सुस्त हो, तुम लोग कितनी देर तक सोते हो.

फिर मैंने कहा कि एक काम में हम लोग बिल्कुल तंदुरुस्त है और वैसे भी इस काम के लिए तो रात को ही जागना पड़ता है ना? फिर वो थोड़ा सा शरमा गई और मुझे एक स्माइल दी और मुझसे कहने लगी कि लगता है लड़का जवान हो गया है इसके लिए कोई अच्छी सी लड़की ढूँढनी पड़ेगी.

में बोला कि ढूँडने की क्या ज़रूरत है? वो बोली कि क्यों कोई पसन्द कर ली है क्या? अब मैंने कहा कि हाँ, तो वो पूछने लगी कि वो कौन है? अब मैंने तुरंत कहा कि जो मुझे पसंद है वो तो मेरे सामने खड़ी है. तो वो बोली कि कौन में? तो मैंने कहा कि हाँ. वो बोली कि लेकिन यह सब कैसे हो सकता है, हमें मिले तो अभी कुछ ही दिन हुए है?

अब मैंने बोला कि तो क्या हुआ पसंद तो कोई भी और कभी भी आ सकती है, बस लड़की अच्छी होनी चाहिए. दोस्तों वो मेरी डबल मतलब वाली बात को समझ गई और उसने भी जवाब दिया कि वो तो सब ठीक है, लेकिन लड़का भी तो दमदार होना चाहिए.

फिर मैंने कहा कि में आपको दम तो ऐसा दिखाऊंगा कि आप ना-ना करती रह जाओगी लेकिन फिर भी में छोड़ूँगा नहीं. फिर वो बोली कि अच्छा देखते है कि कितना दम है तुम्हारे अंदर? मैंने बोला कि वो सब तो आने वाला वक़्त ही बताएगा.

फिर मैंने कहा कि क्या में आपको किस कर सकता हूँ? तभी वो मुझसे बोली कि नहीं, अभी सब लोग यहीं पर है तुम कल कर लेना, जब सभी लोग हॉस्पिटल चले जाएँगे. फिर मैंने कहा कि यहाँ पर कोई नहीं आएगा, प्लीज मेरे बहुत बार समझाने पर वो मान गई और अब मैंने एक लंबा किस किया.

करीब 5 मिनट तक पूरी जीभ मुहं में डालकर. वो मुझसे बोली कि ऐसे भी कोई किस करता है तो मैंने बोला कि में तो ऐसे ही करता हूँ और अभी तो शुरुवात है आगे आगे देखो मेरा दम. फिर वो हंसने लगी और में भी फिर नहाने में लग गया और वो पूरा दिन निकल गया. फिर रात हुई और में उस रात उनके साथ ही रज़ाई ओढ़कर बैठा हुआ था और वो लेटी हुई थी.

फिर मैंने सही मौका देखकर अपना एक हाथ उनकी जाँघ पर रख दिया और सहलाने लगा. वो मुझे देखकर इशारो में मना करने लगी क्योंकि सब लोग वहीं पर बैठे हुए थे, लेकिन में तो अपने काम में लगा हुआ था. फिर मैंने धीरे से उनकी साड़ी को ऊपर किया और सहलाने लगा, वाह क्या मुलायम जाँघ और गरम गरम पैर थे उनके.

फिर में उनका पेट सहलाने लगा और थोड़ा सा ऊपर उनके मुहं की तरफ जाकर उनके बूब्स दबाने लगा. वो शायद अब धीरे धीरे गरम हो रही थी क्योंकि अब वो मुझसे मना नहीं कर रही थी और स्माइल पास कर रही थी. अब मैंने उनके ब्लाउज के 2 बटन खोल दिए और ब्लाउज को ऊपर करके बूब्स और निप्पल को दबाने लगा.

अब वो मेरा साथ दे रही थी और मेरे हाथ के ऊपर अपना हाथ रखकर ज़ोर ज़ोर से दबा रही थी. फिर कुछ देर बाद सभी लोग सोने वाले थे और बड़े पापा ने मुझसे कहा कि अब तू भी सो जा, फिर मैंने उनसे धीरे से कहा कि आप मेरे रूम में आ जाओ और फिर में अपने रूम में जाकर उनका इंतजार करने लगा.

थोड़ी देर बाद वो सबको बोलकर आ गई कि में दूसरे कमरे में टीवी देख रही हूँ और टीवी सिर्फ मेरे रूम में है क्योंकि में पहले बिल्कुल अकेला था इसलिए मैंने उसे अपने रूम में कर लिया था. फिर वो जैसे ही रूम में आई मैंने दरवाज़ा बंद किया और उन्हे पकड़कर पागलों की तरह किस करने लगा.

उन्होंने कहा कि पहले टीवी तो चालू कर दो. फिर मैंने टीवी को चालू किया और थोड़ी सी आवाज को भी बढ़ा दिया ताकि उनको लगे कि हम दोनों अंदर टीवी ही देख रहे है. फिर में उन्हे वापस से लगातार किस करने लगा और वो अब तक पूरी तरह से जोश में आ चुकी थी और मेरा पूरा पूरा साथ दे रही थी.

अब वो मुझे पागलों की तरह किस करने लगी थी और में भी उनकी साड़ी को पीछे से उठाकर उनकी गांड को दबाने लगा था और फिर एक उंगली को गांड के छेद में डाल दिया, जिससे वो सिसकियाँ लेने लगी और वो मुझसे बोली कि प्लीज थोड़ा धीरे करो ना.

में अब अपनी उंगली को अंदर बाहर कर रहा था और उन्हें किस भी कर रहा था और एक हाथ से मैंने उनका ब्लाउज भी फाड़ दिया और फिर बूब्स को दबाने लगा उनके बूब्स एकदम मुलायम और उनके निप्पल एकदम कड़क हो गये थे. में उनके निप्पल को अब चूसने लगा था और वो मेरे हंड  को पेंट के ऊपर से सहला रही थी.

फिर उन्होंने मेरी पेंट की ज़िप को खोलकर अंडरवियर में हाथ डाल दिया और हंड  को हिलाने लगी और बोली कि वाह यह तो बहुत दमदार लग रहा है प्लीज इसे आज़ाद करो. फिर मैंने कहा कि यह अब आपका ही है आप ही अपने हाथों से इसे बाहर कर दो, फिर उन्होंने मेरे कपड़े उतार दिए और अब में बिल्कुल नंगा था और वो सिर्फ़ पेटीकोट में थी.

फिर वो मेरा हंड  चूसने लगी में क्या बताऊँ दोस्तों वो क्या एहसास था? मुझे मेरे हंड  पर उनके मुहं की गर्मी से ही पता लग रहा था कि वो कितनी गरम है वो भूखी शेरनी की तरह मेरे हंड  को चूस चाट रही थी और बीच बीच में मेरे आंड को भी चाट रही थी. फिर मैंने उन्हे उठाकर उनका पेटीकोट निकाल दिया और पेंटी को भी उतार दिया.

अब वो बिल्कुल नंगी थी और में तो उन्हें घूर घूरकर देखता ही रह गया दोस्तों इतने बड़े बूब्स उस पर बड़ी गांड और बालों के जंगल से भरी हुई प्यासी वो छूत क्या गजब ढा रही थी? दोस्तों उनको इस तरह देखकर मुझसे अब बिल्कुल भी कंट्रोल नहीं हुआ और मैंने उनको बेड पर धक्का देकर उनके दोनों पैरों को पूरा फैलाकर छूत को चाटने लगा और छूत के दाने को जीभ से सहलाने, काटने लगा.

वो इतनी ज़ोर से सिसकियाँ ले रही थी कि में और भी जोश में आ गया और अब में उनकी गांड के छेद को भी चाटने लगा वो स्स्सीईईई हाँ चाट इसे आह्ह्ह्ह ऑश अईईई चूस हरामी कुत्ते चूस खा जा मेरी गांड और छूत को कितने महीनों बाद मुझे ऐसा सुख मिला है आज तो रात भर में बस तेरा और तेरे हंड  का दम देखूँगी.

अब में और भी जोश में आकर छूत को चाटने लगा और अपने दोनों हाथों से दोनों बूब्स को भी पूरे जोश से दबा रहा था. फिर में छूत और गांड में ऊँगली करने लगा और एकदम से वो चकित रह गई और ज़ोर ज़ोर से चीखने लगी उईईईईई माँ मर गई. धीरे कर साले कुत्ते उफ्फ्फ्फ़ मुझे बहुत दर्द हो रहा है.

करीब 10-15 मिनट तक ऊँगली और छूत, गांड की चटाई करने के बाद दोस्तों वो इस कदर झड़ी कि उसके पानी की बौछार बहुत थी. उनकी छूत से बहुत अधिक मात्रा में गरम गरम लावा बहता हुआ बाहर आने लगा था. फिर मैंने एक बार फिर से अपना हंड  उनके मुहं में दे दिया और फिर से उनके पैरों को फैलाकर में अपने हंड  को छूत में मुहं पर धीरे धीरे रगड़ने लगा.

फिर वो बोली कि बस अब मेरी और जान मत निकालो, होद दो अपनी रांड को. मैंने फिर से एक ज़ोर का झटका दे दिया और मेरा आधा हंड  छूत के अंदर चला गया और वो चीख पड़ी ओहह्ह्ह्ह माँ मार डाला कमीने, उफ्फ्फ्फ़ प्लीज थोड़ा धीरे कर, में कितने महीनो बाद हुद रही हूँ और तेरा हंड  भी कितना तगड़ा है, प्लीज थोड़ा आराम से कर, में कहीं भागी नहीं जा रही हूँ.

फिर में कुछ देर रुक गया तो वो खुद ही नीचे से हिलने लगी और में भी धीरे धीरे धक्के देकर होदने लगा. मैंने उन्हें करीब 30 मिनट तक होदा, वो ऑश उहह्ह्ह आईईईई उम्म हाँ होद मुझे हाँ और ज़ोर से ऑश माँ हाँ ऐसे ही ज़ोर से ज़ोर से. फिर मैंने एक और ज़ोर का झटका दे दिया और अब मेरा पूरा का पूरा हंड  अंदर चला गया.

वो ऑश हाँ सीईईईई उह्ह्ह्हह्ह् मेरी जान तुम बहुत अच्छे हो हाँ और भी ज़ोर से होदो मुझे और अंदर डाल दो आह्ह्ह्ह ऑश उफ्फ्फफ्फ्फ़ मर गई, वाह क्या मज़ा आ रहा है, अब तो हर रोज तू ही मुझे होदेगा. दोस्तों उनकी ऐसी आवाजों से मैंने अपनी स्पीड को और भी बढ़ा दिया था और अब में ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर होदने लगा, लेकिन अब में झड़ने वाला था. मैंने उनसे पूछा कि में अपना वीर्य कहाँ निकालूं? तो वो मुझसे बोली कि अंदर ही निकाल दो फिर मैंने अपने झटके बढ़ा दिए और ज्यादा स्पीड से होदने लगा था.

में करीब 15-20 झटको के बाद उनकी छूत के अंदर ही झड़ गया. वाह क्या एहसास था झड़ने का. इतनी गरमी के बाद भी एकदम ठंडा ठंडा एहसास, मज़ा आ गया. हमें हुदाई करते हुए करीब एक घंटा हो गया था और वो मुझसे बोली कि मुझे इतना मज़ा आज तक कभी भी नहीं आया, तुम बहुत अच्छे हो मेरे राजा, में तुमसे बहुत प्यार करती हूँ. फिर मैंने कहा कि हाँ मेरी रानी, में भी तुमसे बहुत प्यार करता हूँ. फिर हमने थोड़ा सा आराम किया और फिर हम सो गये.


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