गिफ्ट के बदले भैया मुझे बिस्तर पर ले गए

गिफ्ट के बदले भैया मुझे बिस्तर पर ले गए ये मेरी पहली कहानी है हमारी वासना डॉट नेट पर मैं कई कहानियां पढ़ी है इस वेबसाइट पर तो आज मुझे भी लगा की मैं भी अपनी सेक्स कहानी आप सभी सेक्स कहानी के पाठक के साथ शेयर करूँ। मैं भी मजे लेती हूँ आपकी कहानी पढ़कर तो आज मैं भी आपको अपनी कहानी सुनाऊँगी। पहले तो लग रहा था मैं ये बात किसी और से शेयर नहीं करूँ क्यों की ये घर की चुदाई का मामला है और वो भाई बहन भाई के सेक्स सम्बन्ध के बारे में। पहले ये भी सोच रही थी की शायद ये मैं भी गलत की पर जब इस वेबसाइट पर आकर कहानियां पढ़ी. तो ऐसा लगा की मैं ही सिर्फ नहीं हूँ जो बहन भाई से सेक्स सम्बन्ध बना है और भी कई लड़कियों की कहानियां पढ़ी। तब जाकर लगा की मुझे भी अपनी सेक्स कहानी शेयर करने चाहिए। तो ये लीजिये हाजिर है मेरी से सेक्स कहानी। मेरा नाम पल्लवी है। मैं एक बैंक में काम करती हूँ। मैं अभी कुंवारी हूँ। मेरी शादी नहीं हुई मैं मैं किराए पर ही रहती हूँ। उत्तर प्रदेश के एक शहर में मैं इस शहर का नाम नहीं बताउंगी। और मेरे भैया गुडगाँव की एक कंपनी में काम करते हैं और मम्मी पाप...

दोस्त की मम्मी को वाटर पार्क मे दबोच के चोदा|

 दोस्त की मम्मी को वाटर पार्क मे दबोच के चोदा|


हम दो दोस्त थे मैं और वरुण

वरूण की मम्मी ने हम दोनों से पूछा कि कहां घूमने चलना सही रहेगा?

वरूण ने कहा- म्यूजियम चलते हैं.

आंटी बोलीं- धत्त … वो कोई घूमने की जगह है.

फिर आंटी ने मुझसे पूछा तो मैंने सोचा कि इनका मन मस्ती करने का है और मुझे खुद भी किसी ऐसी जगह आंटी को ले जाना चाहिए कि मुझे आंटी के जिस्म का मजा मिल सके.

तभी मुझे ध्यान आया कि मेरा एक दोस्त वाटर पार्क का मैनेजर है, तो क्यूं न वहीं का प्लान बनाया जाए.

मैंने वरूण और उसकी मम्मी से बोल दिया कि आंटी क्यों ना वाटर पार्क चलें क्योंकि गर्मी भी बहुत है और वहां पानी में मज़ा भी काफी आएगा.

आंटी ने तुरंत हां कर दी.

परंतु वरूण ने बहुत टाइम लगाने के बाद हां की क्योंकि उसका मन म्यूजियम जाने को था.

आखिर उसने भी वाटर पार्क जाने का मन बना लिया.

फिर दस बजे तक हम तीनों नहा धोकर चलने के लिए तैयार हो गए.

दिन में 11 बजे तक उधर पहुंचकर मुझे अपने दोस्त से टिकट्स भी अरेंज करानी थी.

मैंने और वरूण ने शॉर्ट्स एंड शर्ट का मिलता जुलता पहन लिया और आंटी ने एक स्लीवलैस टॉप एंड कैपरी पहन रखी थी.

इस ड्रेस में आंटी की 40″ की गांड और 38″ के चूचे अलग ही छटा बिखेर रहे थे.

आंटी की बलखाती कमर से ड्रेस बिल्कुल चिपकी हुई थी जो मुझे उत्तेजित कर रही थी.

मैंने ओला बुक कर ली थी तो ओला आते ही हम फ्लैट को लॉक करके और जरूरी सामान लेकर गाड़ी में बैठ गए.

ओला ड्राइवर गाड़ी में आंटी को बार बार देख रहा था जिससे मुझे गुस्सा आ रहा था.

दूसरी तरफ वरूण अपने फोन में लगा हुआ था तो उसको कोई फर्क ही नहीं पड़ रहा था.

हम सही वक्त पर वाटर पार्क पहुंच गए.

जैसे ही हम सब पहुंचे तो मैंने अपने दोस्त को फोन कर दिया कि वो हमको गेट पर लेने और टिकट देने आ जाए.

थोड़ी देर इंतज़ार करने के बाद मेरा दोस्त आ गया.

और वो आंटी को देखते ही पागल सा हो गया.

वो मुझसे और वरूण से गले मिला तो आंटी ने खुद ही उससे गले मिल लिया.

उसके बाद मेरे दोस्त ने मुझसे कहा- रोनित, सबको अन्दर आने को बोल और तू मेरे साथ टिकट लेने चल!

मेरा दोस्त अनुज टिकट काउंटर पर जाते ही मुझसे बोला- भाई वो सेक्स बॉम्ब कौन है?

मैंने बताया- वे मेरे दोस्त वरूण की मम्मी हैं.

उसने कहा- यार, उनकी गांड कितनी बाहर है … और गले मिलते वक्त चूची का स्पर्श तो ऐसा लगा, जैसे शरीर में करंट दौड़ गया हो.

मैंने कहा- भाई, तू टिकट दे दे और हमको मज़ा लेने दे.

उसने कहा- भाई, देख तू किसी तरह से आज मुझे उस आंटी की चूत दिलवा दे. जो तू कहेगा, में वो करूंगा.

मैंने कहा- पक्का?

उसने बोला- हां पक्का.

मैंने कहा- भाई तू यहां कोई कमरे का इंतजाम कर, बाक़ी मुझ पर छोड़ दे.

उसने कहा- कमरे तो बहुत हैं.

उसने मुझे कमरे का नंबर बताया और मैंने उसे चूत दिलाने का वादा कर दिया.

फिर मैं टिकट लेकर वरूण और उसकी मां के पास आ गया.

मैंने आंटी से कहा- आंटी, अब आपको कुछ चेंज करना है, तो आप लेडीज चेंजिंग रूम में कर सकती हो.

आंटी चेंज करने चली गईं और हम भी चेंज करने चले गए.

हम दोनों चेंज करके बाहर आ गए.

थोड़ी देर बाद जैसे ही आंटी बाहर आईं, तो मैं उन्हें देखता रह गया.

आंटी ने एक छोटी सी ब्रा पहनी हुई थी, जिसमें उनके मम्मे लगभग पूरे नग्न दिख रहे थे, बस निप्पल बचे हुए थे.

चड्डी के नाम पर आंटी ने थांग पहनी हुई थी. थांग भी मिनी वाली थी, जिससे आंटी की चुत का छेद बस छुप सके.

वाटर पार्क के सारे लोग आंटी के जिस्म को निहार रहे थे.

आंटी हमारे पास आईं तो वरूण बोला- मम्मी, आप तो बहुत सुंदर लग रही हो.

आंटी ने बोला- बेटा, जब मैं अपने क्लाइंटस के साथ दुबई गई थी तो वहीं से इस सैट को खरीदकर लाई थी.

मैं समझ गया कि आंटी ने दुबई में भी खूब जमकर चुदाई करवाई होगी.

हम तीनों राइड्स की तरफ चल दिए. हम तीनों साथ साथ ही सारी राइड ले रहे थे.

पांच तरह की राइड्स के बाद वरूण अगली राइड लेने आगे चला गया.

मैंने आंटी के कान में कहा- आंटी, सेक्स राइड चाहिए तो बोलो, मैंने इंतजाम कर लिया है.

आंटी बोलीं- यहां?

मैंने कहा- आप बस हां बोलो … मैं रेडी हूं.

उन्होंने कहा- अगर वरूण को पता लग गया तो?

मैंने कह दिया- उसकी चिंता आप मत करो, वो मैं देख लूंगा.

उन्होंने कहा- ठीक है.

मैंने वरूण से कहा- वरूण, मैं और आंटी आगे एक राइड लेने जा रहे हैं. अभी आ जाएंगे.

उसने ओके कहकर हमको जाने के लिए बोल दिया.

मैं आंटी को कमरे में लेकर आ गया.

वो कमरा बहुत शानदार था, उसमें जकूज़ी भी था.

मैंने कहा- यहीं होगी आंटी आज आपकी सेक्स राइड!

आंटी ने बोला- हां मस्त जगह है … चलो शुरू करो.

मैंने कहा- आंटी थोड़ी देर रुक जाओ.

 अपने दोस्त अनुज को टेक्स्ट मैसेज कर दिया कि कमरे में आ जा … मस्ती लेने का वक्त हो गया है.

मैं आंटी को बेड पर आकर उन्हें किस करने लगा; आंटी की ब्रा एंड पैंटी उतारकर उन्हें पूरी नंगी कर दिया.

आंटी एकदम से मचलने लगीं तो मैंने उनको काऊ गर्ल में बैठा लिया और चूत में लंड पेल दिया.

आंटी की मादक आह निकल गई और वो चुत में लंड का मजा लेने लगीं.

तभी गेट से अनुज कपड़े उतारकर धीरे से अन्दर आ गया और उसने पीछे से आंटी की गांड में लंड घुसेड़ दिया.

आंटी एकदम से चौंक गईं और ‘आउच …’ बोल पड़ीं.

उन्होंने पीछे मुड़कर देखा और कहा- बेटा तुम?

अनुज ने कहा- हां सेक्सी आंटी … मैं!

आंटी ने मुझे घूरकर देखा और कहा- यह क्या है … मुझे रंडी समझा हुआ है क्या?

मैंने कहा- आंटी, मैंने इससे डील की थी कि अगर मैं इसे आपकी चूत दिलवा दूँगा, तो यह कॉलेज के गुंडों से आपके बेटे की सेफ्टी करेगा.

आंटी ने कहा- अच्छा, फिर ठीक है अनुज. चल तू भी मेरे इस गदर जिस्म का मजा ले ले!

अब हम दोनों आंटी की गांड चूत को जोरों से चोदने लगे.

चोदते चोदते मैं आंटी की चूची को पीने लगा.

आंटी भी दो लंड से चुदाई का मज़ा ले रही थीं.

कुछ देर बाद अनुज ने कहा- चल रोनित, आंटी को उठाकर जकूजी में ले चलते हैं.

हम दोनों ने आंटी के छेदों में लंड डाले रखे और आंटी को जकूजी में लेकर आ गए.

आंटी को हम दोनों ने गोद में उठाए रखा और उनकी दबादब चुदाई करते रहे.

कुछ देर बाद अनुज ने चूत मारने को कहा तो मैंने उसको आगे आने दिया.

अब वो आगे से लग गया और आंटी को बैठाकर उनकी चूची पीने लगा. फिर उसने अपना लौड़ा आंटी की चूत में पेल दिया.

मैंने अपना लौड़ा आंटी के मुँह में पेल दिया.

आंटी मेरा लंड लॉलीपॉप की तरह लपर लपर करके चूस रही थीं.

थोड़ी देर बाद मुझे ध्यान आया कि आंटी की चूत में दोनों लंड एक साथ डालते हैं.

मैंने आंटी की चूत में अपना लौड़ा भी डाल दिया. आंटी सेक्स डबल चुदाई का मजा लेने लगी.

आंटी दर्द से कराहा उठीं क्योंकि चूत में दो लंड आंटी के लिए पहली बार था.

हमने तेज़ तेज़ धक्के मारने शुरू कर दिए.

इसी दौरान आंटी एकदम से झड़ गईं.

झड़ते वक्त आंटी चिल्ला रही थीं.

कुछ देर बाद हमने उनको उल्टा घुमा लिया और जकूजी के पानी में ही उनको घोड़ी बना दिया.

अब अनुज ने आंटी की गांड में लंड पेल दिया और मैंने भी ऐसा ही किया.

हम दोनों मिलकर आंटी की गांड मारने लगे.

आंटी की गांड से फच फच की आवाज़ आ रही थी.

कुछ देर बाद आंटी बोलीं- बिस्तर पर चलो.

हम दोनों ने आंटी को उठाया और बेड पर ले आए.

मैंने अनुज के हाथ आंटी को सौंप दिया और उससे कहा- ले कर ले, जो करना है.

उसने आंटी को जल्दी से उल्टा लेटा दिया और पीछे से उनकी गांड में लंड डाल कर चुदाई शुरू कर दी.

थोड़ी देर बाद वो आंटी की गांड में ही झड़ गया.

अब मेरी झड़ने की बारी थी तो आंटी अपने मुँह में मेरा लौड़ा लेकर चूसने लगीं.

थोड़ी देर बाद मैं आंटी के मुँह में ही झड़ गया.

चुदाई करने के बाद हम तीनों ने नहा धोकर कपड़े पहन लिए.

आंटी ने अनुज को अपना नंबर दे दिया जिससे वो कभी दोबारा दिल्ली आएं तो उसके साथ चुदाई कर सकें.

हम दोनों और आंटी बाहर आ गए.

वहां वरूण ने हमको देखा और पूछा- आप दोनों कहां थे?

आंटी ने कहा- हम राइड लेने के बाद कैंटीन में कुछ खाने चले गए थे.

मैंने कहा- चलो अब कपड़े बदलकर घर चलते हैं.

वरूण ने हमें बताया कि उसको राइड में बहुत मज़ा आया.

आंटी ने भी कहा- आज तो मुझे भी बहुत दिनों में शानदार राइड मिली जिसको मैं कभी भूल ही नहीं सकती.

अब हम सब कैब बुक करके घर आ गए.

घर पर आकर हमने डिनर किया और आराम करने लगे.

मैंने सोचा आंटी कल चली जाएंगी, तो एक बार और आखिरी बार चूत मार लेता हूँ.

मैं आंटी के रूम में आया पर आंटी सेक्स के लिए तैयार नहीं थी क्योंकि वाटर पार्क वाली चुदाई के कारण आंटी का बदन दुख रहा था.

मैंने आंटी से सॉरी बोला और सोने चला गया.

सुबह उठकर नाश्ता किया तो आंटी जाने की तैयारी करने लगीं.

आंटी 12 बजे फ्लाइट के लिए रवाना होने के लिए जाने लगीं तो मैंने कहा- आंटी, हम आपको छोड़ देते हैं.

आंटी ने कहा- नहीं, मैं खुद चली जाऊंगी. मैंने कैब कर ली है.

दरअसल आंटी ने कैब नहीं की थी. उनकी दोस्ती अनुज से हो गई थी, तो आंटी को वही एअरपोर्ट छोड़ने जाने वाला था इसीलिए आंटी ने हमको मना कर दिया.

दोस्तो, आगे की सेक्स कहानी में मैं एक ऐसा किस्सा लाऊंगा, जिसमें मैं और वरूण कॉलेज की छुट्टियों में मुंबई गए और आंटी को चोद कर मजा लिया.

उसके बाद हम दोनों, मेरे दोस्त वरुण की बहनों को लेकर वहां से गोवा ट्रिप पर गाए.

दोस्तो, मेरे अनुज दोस्त और वरूण की मम्मी का रिश्ता किस इरादे से आगे बढ़ा, यह भी आपको आगे की सेक्स स्टोरी में मालूम चल जाएगा.

प्रिय पाठको, आपको यह आंटी सेक्स डबल चुदाई कहानी पढ़ कर मजा आया? कमेंट्स में बताएं.

धन्यवाद.


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