आशा चाची की हुदाई अँधेरे में
हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम शंकर है और में अमृतसर पंजाब का रहने वाला हूँ. आज में आप सभी के सामने अपनी एक सच्ची घटना लेकर आया हूँ
यह आखरी महीने की बात है और उन दिनों गर्मी बहुत थी. मेरी चाची का घर हमारे घर के पास ही है और मेरे अंकल एक बहुत बड़े बिजनेसमेन है. उन दिनों वो बिजनेस के सिलसिले में तीन दिन के लिए मुंबई गए हुए थे और वो जाने से पहले मुझे उनके घर पर रात को रहने के लिए बोल गये थे क्योंकि घर पर चाची और उनकी 13 साल की बेटी दोनों ही अकेले थे.
दोस्तों अब में आप सभी को थोड़ा बहुत विस्तार से अपनी चाची के बारे में बता देता हूँ, उनकी उम्र करीब 40 साल की होगी और इस रात से पहले मैंने कभी भी चाची के फिगर और दूध की तरफ इतना ध्यान नहीं दिया था और उस रात में खाना खाने के बाद 9 बजे के करीब चाची के घर पहुंच गया.
चाची की बेटी अपने रूम में पढ़ाई कर रही थी और उस समय चाची बेड पर बैठकर टीवी देख रही थी और फिर में भी उनके साथ बैठकर टीवी देखने लगा और हम टीवी देखने के साथ साथ कुछ इधर उधर की बातें भी करने लगे. तभी टीवी पर कुछ देर बाद अचानक से एक फिस्सिंग सीन चलने लगा.
वो करीब दो मिनट का था और यह सब देखकर में चाची के सामने थोड़ा सा शरम महसूस करने लगा, लेकिन चाची मेरी तरफ देखकर मुस्कुराने लगी. फिर जैसे ही मुझे लगा कि चाची के ऊपर फैक्स का भूत चड़ने लगा है और अब वो मेरे हाथों को छूने लगी थी, लेकिन मुझे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था कि यह मेरे साथ यह सब क्या हो रहा है? फिर कुछ देर बाद चाची बेड से उठकर जाने लगी और जाते जाते उन्होंने एक बार मेरे हण्ड को छूकर देखा, लेकिन थोड़ी ही देर के बाद वो फिर से वापस आ गई और फिर से मेरे हण्ड को छूने लगी. दोस्तों अब मुझसे भी कंट्रोल नहीं हो रहा था, लेकिन में बहुत डर भी रहा था क्योंकि मेरी चाची की लड़की भी उस समय घर पर थी.
चाची ने फिर से मुझे छूना शुरू कर दिया और अब मैंने भी थोड़ी बहुत हिम्मत करके चाची का हाथ पकड़ कर मसल दिया और इसके बाद चाची को मेरी तरफ से ग्रीन सिग्नल मिल गया और चाची ने मेरे हण्ड को छुआ और अब धीरे धीरे मेरा हण्ड भी जाग गया था. वो अपना आकार बदलने लगा था जिसको चाची देखकर मन ही मन बहुत खुश हो रही थी और अब में भी चाची को छूने लगा और में अपने एक हाथ को पीछे की तरफ ले जाकर चाची की पीठ को सहलाने लगा और फिर धीरे से चाची के दूध और छूत को सहलाने और मसलने लगा, लेकिन तभी इतने में हमे कुछ आवाज़ आई और हम सतर्क हो गये.
दोस्तों यह सब काम करते हुए ना तो चाची ने मुझसे कुछ कहा था और ना मैंने. हम दोनों एकदम चुप थे. हमारा पूरा ध्यान टीवी के साथ साथ एक दूसरे पर भी था. तभी मेरी चाची की लड़की रूम में आई और वो उनसे सोने के लिए कहने लगी क्योंकि उसे सुबह जल्दी उठकर स्कूल जाना था और इतना कहकर वो दूसरे रूम में चली गयी. चाची मुझे कहने लगी कि तुम सोना मत, में 12 बजे के करीब आ जाउंगी और चाची सोने के लिए दूसरे रूम में चली गई जहाँ पर मेरी बहन सोई हुई थी और अब घर की पूरी लाईट बंद थी. में टीवी वाले रूम में बैठा हुआ कुछ देर टीवी देखने लगा और कुछ देर के बाद लेट गया, लेकिन मेरा हण्ड अभी तक तनकर खड़ा हुआ था और में बहुत हैरान था कि मेरे साथ यह सब क्या हो रहा है? और मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था. मेरी आखों के सामने उनके बड़े बड़े दूध घूम रहे थे.
में अपने हण्ड को शांत करने की कोशिश कर रहा था, लेकिन में नाकाम रहा और फिर थोड़ी देर के बाद में उठा और बाथरूम में जाकर उनके बारे में सोचकर फूठ मार आया और अब कमरे में आकर लेट गया और अब में चाची का इंतजार करने लगा, लेकिन मुझे पता नहीं कब नींद आ गयी.
थोड़ी देर के बाद चाची आई और उन्होंने मुझे उठाया और वो भी मेरे पास ही लेट गई और मेरे हण्ड को सहलाने लगी. में भी धीरे धीरे जोश में आ गया और में चाची को फिस करने लगा और एक हाथ से में उनके दूध को दबा रहा था और चाची भी मेरे हण्ड से खेल रही थी. में अब पूरे जोश में था और चाची के दूध उनकी कमीज़ के ऊपर से मसलने लगा.
फिर कुछ देर के बाद चाची ने अपनी सलवार को उतार दिया और में चाची की फेनटी के ऊपर से उनकी छूत को सहलाने लगा. चाची पूरी तरह से गरम हो चुकी थी और अब मैंने चाची की फेनटी को भी उतार दिया, लेकिन कमरे में बहुत अंधेरे की वजह से मुझे चाची की छूत नहीं दिख रही थी, लेकिन हाथ लगाने से पता चल रहा था कि वो भी बहुत जोश में गरम थी और अब हम लिप फिस करने लगे. मैंने अपने लोवर को उतार दिया और साथ में अपनी अंडरवियर भी. चाची मेरे हण्ड को हाथ में लेकर ऊपर नीचे करके महसूस करने लगी और फिर चाची ने मुझसे कहा कि वाह तुम्हारा हण्ड तो मेरे सोचने समझने से भी बहुत बड़ा, मोटा, लंबा है.
मुझे ऐसे ही फिसी हण्ड की तलाश थी जो एक ही बार में मेरी प्यासी छूत को शांत कर दे और मेरी छूत को होदकर उसका भोसड़ा बना दे. चल अब शरमाना छोड़ और मेरी जमकर हुदाई करके मुझे खुश कर दे. फिर चाची बेड से उठी और मोबाइल की रोशनी से अलमारी से एक हंडोम निकालकर लाई और मुझे दे दिया, लेकिन मुझे तब तक हंडोम लगाना भी नहीं आता था.
मैंने चाची से कहा कि चाची मुझे उसको चड़ाना नहीं आता और यह कैसे लगता है मुझे बिल्कुल भी पता नहीं है. चाची ने थोड़ा मुस्कुराकर मेरे हण्ड को अपने एक हाथ से पकड़ा और फिर हंडोम को टोपे पर रखकर धीरे से नीचे की तरफ उतार दिया और इस तरह हंडोम लगा दिया.
अब में अब चाची के ऊपर आ गया और मैंने धीरे से चाची के दोनों पैरों को थोड़ा सा फैलाकर छूत का आकार बड़ा किया और हण्ड को छूत के मुहं पर रखकर हल्का सा लगातार दबाव बनाकर पूरा का पूरा अंदर घुसा दिया. चाची उहहऊऊ आह्ह्ह्हह्ह की आवाज़ निकलने लगी और अब मेरे भी मुहं से हल्की सी आवाज़ निकलने लगी, लेकिन में फिसी भी बात को बिना देखे सुने ताबड़तोड़ धक्के देने लगा और वो अपने छूतड़ को उठा उठाकर मेरा पूरा पूरा साथ देने लगी ।
अब में जोश में आकर लगातार धक्के देकर उन्हे करीब बीस मिनट तक होदता रहा, लेकिन अब में फड़ने वाला था और फिर में उनकी छूत में फड़ गया, लेकिन मैंने अपने धक्के अभी खत्म नहीं किए. में उसे धीरे धीरे होदता रहा और अपना वीर्य उनकी छूत में डालता रहा और थोड़ी देर के बाद में चाची के दूध और कमीज़ के ऊपर से हूसने लगा. फिर कुछ देर के बाद चाची ने अपनी कमीज़ को उतार दिया और मैंने उनकी ब्रा को उतार दिया. अब चाची मेरे सामने बिल्कुल हंगी थी, लेकिन अँधेरे की वजह से मुझे कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था, लेकिन में चाची के दूध को हूस रहा था और उनकी छूत और पूरे जिस्म को छूकर महसूस कर रहा था और अब कुछ ही देर में मेरा हण्ड फिर से तन गया था. चाची ने हण्ड को मुहं में ले लिया और हूसने लगी और थोड़ी ही देर में मेरा पूरा हण्ड तन गया.
अब चाची पेट के बल लेट गयी और उन्होंने मेरे खड़े हुए हण्ड को अपनी हांड में डालने का इशारा किया. दोस्तों पहले तो में बहुत हैरान हुआ फिर में चाची के ऊपर आकर हांड में हण्ड डालने लगा. मैंने महसूस किया कि चाची की हांड छूत से थोड़ी टाईट थी. मेरा हण्ड जैसे पूरी तरह से छिल गया था और अब चाची हिस्किया करने लगी.
फिर 10 मिनट के बाद में डिसचार्ज हो गया और मैंने अपना गरम गरम लावा उनकी हांड में डाल दिया और थोड़ी देर के लिए हम ऐसे ही लेटे रहे. लगभग दो बजे के करीब चाची ने मोबाइल की लाईट से अपने कपड़े ढूंढे और फिर पहनकर अपने कमरे में चली गयी. दोस्तों इस तरह मैंने चाची को होदा, लेकिन इस हुदाई में ना तो में चाची के शरीर का कोई अंग देखा सका (अंधेरे की वजह से) और ना ही हम दोनों हुदाई करते समय कुछ मुहं से बोले और उसके बाद अगली दो रातों को भी मैंने चाची को ऐसे ही जमकर होदा और अपनी हुदाई से उनकी छूत को संतुष्ट किया.
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